HIN-Beverages

सात्त्विक जीवन के इस विभाग में, आध्यात्मिक शोध के माध्यम से, हमने व्यक्ति पर विभिन्न प्रकार के लोकप्रिय पेय पदार्थों के आध्यात्मिक प्रभावों की तुलना की है । निम्नलिखित संक्षिप्त सारणी में पेय पदार्थों का क्रम (ऊपर से नीचे) आध्यात्मिक अशुद्धि से आध्यात्मिक शुद्धि के साथ ही उसका सेवन करने पर व्यक्ति को आध्यात्मिक विश्व की अनिष्ट शक्तियों से प्रभावित होने की आशंका के अनुसार रखा गया है ।

पेय का प्रकार सत्त्व१ रज१ तम१ अनिष्ट शक्तियों का प्रभाव
अल्कोहॉल (वाईन सहित) १८ ३१ ५१ उच्च
बिना दूध की चाय३​ १८ ३१ ५१ उच्च
कोला इत्यादि पेय४ २१ ४६ ३३ मध्यम
बिना दूध की कॉफी १८ ५१ ३१ मध्यम
दूध युक्त चाय २० ४९ ३१ मध्यम
दूध युक्त कॉफी २१ ४८ ३१ मध्यम
हर्बल चाय २१ ४८ ३१ मध्यम
फलों का रस ३१ ४४ २५ अल्प
नारियल पानी ३१ ४८ २१ अल्प
पानी ५ ३१ ५१ १८ अल्प
छाछ ३१ ५२ १७ अल्प
देशी गाय का दूध ३३ ५४ १३ न्यूनतम

संदर्भ: द्वारा २१ जुलाई २०१३ को किया गया आध्यात्मिक शोध

कृपया आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य में पेय पदार्थों की विस्तृत जानकारी पढने हेतु पहले खंड में दिए हायपरलिंक सार को क्लिक करें।

सारणी की टिप्पणियां :

१. अध्यात्मशास्त्र के अनुसार, संपूर्ण ब्रह्मांड सत्त्व, रज, तम, इन तीन मूलभूत घटकोंसे बना है । सत्त्व गुण आध्यात्मिक शुद्धि और ज्ञान का प्रतीक है, रजोगुण क्रियाशीलता का प्रतीक है, जबकि तमोगुण अज्ञान और अकर्मण्यता दर्शाता है । किसी भी वस्तु के स्पंदन उस वस्तु के मूलभूत प्रधान गुण पर निर्धारित होते हैं और सभी वस्तुओं में मूलभूत घटक विद्यमान होते हैं ।

२. अनिष्ट शक्तियों के प्रभाव तथा हमारी साधना की दृष्टि से

  • अल्कोहॉल अथवा काली चाय जैसे तमप्रधान पेय का सेवन करने पर, पेय व्यक्ति में आध्यात्मिक अशुद्धि बढाता है जिसके माध्यम से आध्यात्मिक आयाम की अनिष्ट शक्तियों द्वारा व्यक्ति पर आक्रमण करने की आशंका अधिक रहती है ।
  • व्यक्ति जितनी अधिक मात्रा में सेवन करता है, उतना अधिक परिणाम होता है । इसके परिणामस्वरूप जिन्हें काली चाय और अल्कोहॉल का व्यसन है, उनपर बडी मात्रा में दुष्परिणाम होता है ।
  • जो साधक साधना कर अधिक सात्त्विक अथवा आध्यात्मिक दृष्टि से शुद्ध बननेका प्रयास कर रहे हैं, तम प्रधान पेयोंका सेवन उनकी आध्यात्मिक प्रगति पर बुरा प्रभाव डालते हैं । साथ ही वे साधना में बाधा डालनेका प्रयास कर रही अनिष्ट शक्तियों के सामने स्वयं को असुरक्षित रखते हैं ।
  •  ८० प्रतिशत से अधिक आध्यात्मिक स्तर के सन्त यदि अल्कोहॉल का सेवन कर भी लें, तो भी उन पर कोई दुष्परिणाम नहीं होता; क्योंकि वे पेय के घटक परिवर्तित कर सकते हैं । उदाहरण के लिए अल्कोहॉल भी पानी में रूपांतरित हो सकता है ।

३. इससे तात्पर्य है काली चाय और इसमें हर्बल चाय समाहित नहीं है ।

४. कोला रज-तम प्रधान होते हैं और इसके अनेक कारणों में से मुख्य कारण है उनके रासायनिक तत्त्व । जिस पेय में रसायन होंगे, उनमें तमोगुण होने की आशंका अधिक होगी ।

५. जल सामान्यतया तटस्थ होता है, तथापि इसका गुण है कि यह सरलता से सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के स्पंदन ग्रहण करता है ।

डीडीएफओ नामक बायो-फीडबैक मशीन का प्रयोग कर SSRF ने व्यक्ति के कुंडलिनी चक्रों पर मद्य और फलों के रस के प्रभाव का अध्ययन किया । हमने अनिष्ट शक्तियों से पीडित और ऐसी पीडा से रहित लोगों पर दो प्रकार के पेय अर्थात अल्कोहल (विस्की) और फल का रस (संतरा) के प्रभाव-संबंधी प्रयोग किया । हमने साधना करनेवाले और न करनेवाले लोगों पर भी यह प्रयोग किया ।

मद्य संबंधी डीडीएफएओ शोध प्रस्तुत करनेवाला SSRF दृश्यपट (वीडियो) नीचे है