स्वागत पत्र – संपादक से आपके नाम

SSRF Editor

प्रिय पाठक,

एस.एस.आर.एफ. (SSRF) के जालस्थल (वेबसाइट) पर भ्रमण करने के लिए धन्यवाद ।

कदाचित आपने हमारा जालस्थल अकस्मात देखा हो अथवा किसी ने आपको इस विषय में जानकारी दी हो । निमित्त कोई भी हो, इस जालस्थल पर हम आपका हार्दिक स्वागत करते हैं । आपकी जो आवश्यकता है, जैसे – आध्यात्मिक विश्व के विषय में जिज्ञासा, किसी समस्या के समाधान की खोज अथवा आध्यात्मिक प्रगति की इच्छा, हम आपकी सहायता अवश्य करेंगे ।

SSRF.org जालस्थल पर पूरे विश्व के लाखों लोग भ्रमण करते हैं । उनके हजारों प्रश्नों के उत्तर हमने दिए हैं । इससे एक बात स्पष्ट है कि हमारी भाषाएं अथवा देश भिन्न होते हुए भी, जीवन से संबंधित हमारी समस्याएं एवं प्रश्न एक समान हैं । आधुनिक विज्ञान ने हमारे जीवनस्तर को उच्च बनाने में विलक्षण प्रगति की है, परंतु जीवन के कष्टों को दूर करने के लिए एवं निरंतर सुख पाने के लिए जो दृष्टिकोण देना चाहिए उसमें वह असमर्थ रहा है ।

संभवत: SSRF जालस्थल की लोकप्रियता का यह एक कारण हो सकता है कि इस पर प्रकाशित लेख पढने से पाठकों के ‘जीवन में आने वाली समस्याओं के वास्तविक कारण एवं उनपर उपाय’ आदि प्रश्नों का समाधान होता है । जब लोग अपने जीवन की समस्याओं का समाधान तीनों माध्यमों से – शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक स्तरों पर करते हैं, तब सफलता की संभावना अधिक होती है ।

शिक्षा पाना, नौकरी अथवा व्यवसाय करना, धन अर्जित करना, विवाह और बच्चों का पालन-पोषण, अधिकार एवं प्रतिष्ठा पाना, इन्हीं लक्ष्यों की प्राप्ति में अधिकांश व्यक्तियों का जीवन बीत जाता है । जीवन के किसी मोड पर कुछ लोग विराम लेकर स्वयं से प्रश्न करते हैं – क्या यही जीवन है ? क्या जीवन का उद्देश्य यहीं तक सीमित है ? इन लोगों के लिए SSRF का उत्तर है – ‘ निश्चित रूप से नहीं ‘। हम सभी एक आध्यात्मिक यात्रा कर रहे हैं, जिसमें हमें जीवन के पाठ पढने हैं । जो इस आध्यात्मिक यात्रा के प्रति सचेत हैं तथा जो आध्यात्मिक प्रगति करना चाहते हैं, उन्हें SSRF यात्रासंबंधी मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है, जिससे आप अपने जीवन के प्रत्येक अमूल्य क्षण का सर्वोत्तम विनियोग कर सकते हैं ।

निकट भविष्य में विश्व को युद्ध तथा प्राकृतिक विपदाओं का सामना करना पडेगा । इस भावी विनाश एवं भारी जीवहानि से बचने के लिए, हम केवल साधना से ही सक्षम बन सकते हैं । इन विपरीत परिस्थितियों के कारण मानवजाति के लिए अपनी वर्तमान जीवनशैली में परिवर्तन करना अनिवार्य हो जाएगा । फलस्वरूप हमारा विश्व एक हजार वर्षों तक शांति एवं आध्यात्मिक चेतना अनुभव करेगा । SSRF के जालस्थल पर प्रकाशित अधिकांश शोधसामग्री (रिसर्च मटेरियल) आने वाली पीढियों का आध्यात्मिक जीवनयापन संबंधी मार्गदर्शन करेगी ।

SSRF के जालस्थल का विकास इसके प्रेरणास्रोत प.पू. डॉ. आठवलेजी की कृपा से ही संभव हुआ है । वे मानवजाति के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं तथा SSRF के समग्र शोधकार्य में मार्गदर्शन कर रहे हैं । एक सौ से अधिक साधक इस जालस्थल को सुचारु रूप से चलाने के लिए कार्यरत हैं । अपना समय देकर वे पूरे विश्‍व में यह अनमोल ज्ञान पहुंचा रहे हैं । हम हृदय से कृतज्ञ हैं कि हमें समस्त मानवजाति के लिए एक श्रेष्ठ आध्यात्मिक जीवनशैली का मार्ग दर्शाने वाले इस पथप्रवर्तक जालस्थल हेतु आंशिक योगदान का सौभाग्य प्राप्त हुआ ।

Untitled

शॉन क्लार्क

संपादक