विभूति द्वारा बनाया पवित्र जल (तीर्थ)

SSRF के अनुसार शारीरिक तथा मानसिक व्याधियों के लिए आध्यात्मिक उपचारों के साथ पारंपरिक चिकित्सकीय उपचार भी किए जाने चाहिए ।

पाठकों से निवेदन है कि वे अपने मतानुसार किसी भी आध्यात्मिक उपचार पद्धति का उपयोग कर सकते हैं ।

१. पवित्र जल कैसे बनाया जाए ?

पवित्र जल (तीर्थ) बनाने की अनेक पद्धतियां हैं । ये इस प्रकार हैं :

१. पवित्र रक्षा (विभूति) जल में डालकर

२. जल को नामजप से अभिमंत्रित कर

३. पवित्र मिट्टी जल में डालकर (जहां उच्च आध्यात्मिक स्तर के संतो का वास्तव्य हुआ है, ऐसे स्थानों की मिट्टी)

४. आशीर्वाद देनेवाला जल । (यह केवल ५० प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर के अधिक स्तर का व्यक्ति ही बना सकता है । इस स्तर के नीचे के व्यक्ति में जल में ईश्वरीय चैतन्य बढाने की क्षमता अत्यल्प होती है अथवा नहीं होती ।)

५. स्पर्शद्वारा बनाया पवित्र जल (तीर्थ) : (जब कोई संत जल को स्पर्श करते हैं)

लेख के इस विभाग में हम यह स्पष्ट करेंगे कि SSRF की अगरबत्तियों से प्राप्त विभूति (पवित्र रक्षा) पवित्र जल (तीर्थ) कैसे बनाएं ।

२. SSRF की अगरबत्तियों से प्राप्त विभूति से पवित्र जल कैसे बनाएं ?

SSRF की अगरबत्तियों से बनाए पवित्र जल का (तीर्थ) उपयोग अच्छी शक्ति प्राप्त करने तथा अनिष्ट शक्तियों के (भूत, प्रेत, पिशाच इ.) कष्ट से छुटकारा पाने के लिए आत्मनिर्भर होने हेतु एक सरल उपचार पद्धति के रूप में किया जा सकता है ।

SSRF की अगरबत्तियोंसे प्राप्त विभूति (पवित्र रक्षा) जल में डालकर पवित्र जल बनाया जाता है । SSRF की अगरबत्तियोंको जलाकर विभूति (पवित्र रक्षा) इकठ्ठा की जाती है ।

निम्न लेखों का संदर्भ लें

  •  लेख : विभूति कैसे बनाएं
  •  विभाग : SSRF की अगरबत्तियोंसे प्राप्त रक्षा (राख) को विभूति क्यों कहते हैं ?

‘पवित्र’ कहलाने के लिए जल में डाली जानेवाली पवित्र रक्षा में न्यूनतम २ प्रतिशत ईश्वरीय चैतन्य होना आवश्यक है । SSRF की अगरबत्तियों को जलाकर प्राप्त विभूति (पवित्र रक्षा) में आवश्यक ईश्वरीय चैतन्य होता है ।

पवित्र जल बनाने के लिए आवश्यक है :

  • SSRF की अगरबत्तियों को जलाकर प्राप्त विभूति (पवित्र रक्षा)
  • जल

प्रक्रियाकी पद्धति

  • ईश्वरसे प्रार्थना कर आरम्भ करें, “SSRF की अगरबत्ती की सुगंध में विद्यमान विशिष्ट ईश्वरीय तत्त्व कार्यरत होकर इस पवित्र जल को भारित होने दीजिए ।
  • तदुपरांत पात्र में इकट्ठा हुई पवित्र रक्षा (विभूति) दाएं हाथ से उठाकर जलमें डालें ।

पवित्र रक्षा (विभूति) डालने पर जल आध्यात्मिक दृष्टिसे भारित होकर पवित्र जल (तीर्थ) बन जाता है । अब यह आध्यात्मिक उपचार हेतु शरीर में लगाने तथा छिडकने के लिए तैयार है ।

२.१ जल में SSRF की पवित्र रक्षा (विभूति) कितने अनुपात में डालें ?

जितना पवित्र जल बनाना है, उसके अनुपात में हमें पवित्र रक्षा (विभूति) डालनी है ।

  • एक गिलास पानी में एक चुटकी, इस अनुपात में SSRF की पवित्र रक्षा (विभूति) डालें ।
  • एक बाल्टी पानी के लिए पांच चम्मच, इस अनुपात में SSRF की पवित्र रक्षा (विभूति) आवश्यक होती है ।

२.२ पवित्र रक्षा (विभूति) लेने के लिए दाएं हाथ का ही उपयोग करना क्यों आवश्यक है ?

दायां हाथ शरीर की आध्यात्मिक शक्तिव्यवस्था की सूर्यनाडीसे संबंधित है और इसलिए दाएं हाथसे अधिक आध्यात्मिक शक्ति प्रवाहित होती है । अतः आध्यात्मिक दृष्टिसे यह अधिक कार्यरत होता है ।

दाएं हाथ में सूक्ष्म मूलभूत रजोगुण अधिक मात्रा में होने से पवित्र रक्षा को (विभूति) कार्यरत करने में वह अधिक सक्षम होता है ।

३. पवित्र जल (तीर्थ) के कार्य करनेकी पद्धति

पवित्र जलको (SSRF की अगरबत्तियों से बने ) उसकी आध्यात्मिक उपचार करने की क्षमता मुख्यतः जल में डाली SSRF की अगरबत्तियों की पवित्र रक्षा से प्राप्त होती है । SSRF की अगरबत्तियों से प्राप्त रक्षा (विभूति) प्रत्येक अगरबत्ती की विशिष्ट सुगन्ध द्वारा आकर्षित विशिष्ट देवतातत्त्व में विद्यमान ईश्वरीय चैतन्य का लाभ करवाती है ।

SSRF की पवित्र रक्षा (विभूति) ब्रह्मांड के मूलभूत तेजतत्त्व के स्तर पर कार्य करती है । जब हम पवित्र रक्षा (विभूति) जल में डालते हैं, वह मूलभूत आपतत्त्व में घुल जाती है और इन दो मूलभूत तत्त्वों का एकत्रित रूप में उपचारी प्रभाव दिखाती है । मूलभूत आपतत्त्व पवित्र रक्षा में विद्यमान ईश्वरीय चैतन्य को अधिक प्रवाही तथा सहजतासे अवशोषित करने योग्य बनाता है, इसलिए प्रत्यक्ष यह प्रभाव अधिक शीघ्रता से होता है ।

३.१ SSRF पवित्र रक्षा (विभूति) जल में डालने पर सूक्ष्म स्तर पर क्या प्रक्रिया होती है ?

SSRF की पवित्र रक्षा (विभूति) से बनाए पवित्र जल का छठवी ज्ञानेंद्रिय को प्राप्त दृश्य

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३.२ SSRF की अगरबत्तियों से प्राप्त पवित्र रक्षा (विभूति) से बनाए पवित्र जल के परिणाम

  • पूर्वजों तथा अनिष्ट शक्तियों के (भूत, प्रेत, पिशाच इ.) कष्ट से मुक्त व्यक्ति पूर्वजों तथा अनिष्ट शक्तियों के (भूत, प्रेत, पिशाच इ.) कष्ट से मुक्त लोगोंको पवित्र जल अच्छी शक्ति प्रदान करता है । ‘मेरे प्रिय मृत व्यक्ति और मेरे अन्य पूर्वज मुझे कष्ट क्यों देना चाहते हैं ?’, इस लेख का संदर्भ लें ।
  • पूर्वजों तथा अनिष्ट शक्तियों के (भूत, प्रेत, पिशाच इ.) कष्ट से पीडित व्यक्ति पवित्र जल की अच्छी शक्ति भुवर्लोक तथा पहले पाताल से पूर्वजों और अनिष्ट शक्तियों द्वारा प्रक्षेपित काली शक्ति नष्ट करती है । लोगों को प्रभावित करनेवाले निम्न स्तर की अनिष्ट शक्तियों तथा पूर्वजों को पवित्र जल के स्पर्श से कष्ट होते हैं । पवित्र जल शरीर में लगाने के साथ साधना के छः मूलभूत सिद्धांत के अनुसार साधना करने से निम्न स्तर की अनिष्ट शक्तियों को तीव्र यातना होती है । कालांतर में अनिष्ट शक्तियां निकल जाने के लिए बाध्य होती हैं । साधारणतः सभी लोग मृत पूर्वजों तथा पहले पाताल के भूतों से प्रभावित होते हैं, इसलिए उन्हें इन मूल आध्यात्मिक समस्याओं से स्थायी छुटकारा मिलता है । उच्च स्तर की अनिष्ट शक्तियों द्वारा किए जानेवाले आक्रमण की घटनाओं में काली शक्ति दूर धकेली जाती है । अनिष्ट शक्तियों का मुख्य अस्त्र उनकी काली शक्ति होती है, इसलिए प्रभावित व्यक्तियों पर पवित्र जल छिडकने पर व्यक्ति को होनेवाले मस्तिष्क शूल, उलझन, निराशा इत्यादि जैसे कष्ट न्यून हो जाते हैं । उच्च स्तर की अनिष्ट शक्तियों द्वारा होनेवाले कष्टों से स्थायी मुक्ति पाने एवं र्इश्वरीय सुरक्षाकवच प्राप्त करने के लिए नियमित साधना ही उत्तम उपाय है ।

केवल पवित्र जल का आध्यात्मिक उपचारों के लिए उपयोग करनेवाला व्यक्ति तात्कालिक रूप में अनिष्ट शक्तियोंद्वारा होनेवाले कष्टों से मुक्त होता है । तथापि पवित्र जल का परिस्थिति तथा आवश्यकतानुसार बार-बार उपयोग कर सकते है

४. पवित्र जल से होनेवाले लाभ में वृद्धि कैसे कर सकते है

  • पवित्र रक्षा (विभूति) की आध्यात्मिक शुद्धता : अयोग्य पद्धति से प्रयोग करने, संग्रहित करने अथवा मृत पूर्वजोंद्वारा अथवा अनिष्ट शक्तियों के आक्रमण से यदि पवित्र जल बनाने के लिए प्रयुक्त पवित्र रक्षा रज-तम के संपर्क में आती है, तो इससे मिलनेवाले लाभ न्यून हो जाते हैं । पवित्र विभूति का उपयोग कैसे करें, इस लेख का संदर्भ लें ।
  • प्रयोग करनेवालेकी श्रद्धा : श्रद्धा के साथ उपयोग करने से पवित्र जल के आध्यात्मिक उपचार के रूप में अच्छे परिणाम मिलते हैं ।
  • प्रयोग करनेवाले व्यक्ति का आध्यात्मिक स्तर : पवित्र जल का आत्मनिर्भर होने हेतु किए जानेवाले आध्यात्मिक उपचार के रूप में प्रयोग करनेवाले व्यक्ति का आध्यात्मिक स्तर अधिक होने पर उसकी कार्यक्षमता भी अधिक होती है ।
  • उपचार करनेवाले व्यक्ति का आध्यात्मिक स्तर (यदि यह व्यक्ति इसका प्रयोग आध्यात्मिक उपचार के रूप में कर रहा हो) : आध्यात्मिक उपचार के रूप में पवित्र जल के उपयोग का परिणाम ९५ प्रतिशत तक उसे छिडकनेवाले व्यक्ति के आध्यात्मिक स्तर पर निर्भर होता है ।

५. पवित्र जलकी तुलनात्मक शक्ति / लाभ

पवित्र जलकी तुलनात्मक शक्ति/लाभ

पवित्र जलका प्रकार चैतन्यकी मात्रा (प्रतिशतमें)
जल + SSRF की अगरबत्तियों की पवित्र रक्षा
भारित जल (जल +नामजप)
भारित जल (जल +नामजप) + SSRF की अगरबत्तियोंकी पवित्र रक्षा(विभूति) ५.००१

टिप्पणियां :

१. यह ईश्वरीय चैतन्य से जल के भारित होने की अधिकतम मात्रा दर्शाता है । ९० प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर के संत के संपर्क से जल अधिकतम ५ प्रतिशत भारित हो सकता है ।

जैसे कि उपर्युक्त सारणी में दिखाया है, ईश्वरीय चैतन्य से जल को अधिकतम ५ प्रतिशत ही भारित कर सकते है । ९० प्रतिशत से अधिक आध्यात्मिक स्तर के संतद्वारा स्पर्श, दृष्टि अथवा विचार के (संकल्प) माध्यम से भारित किए जाने पर ही यह संभव हो सकता है । अतः संत द्वारा ईश्वरीय चैतन्य से भारित जल में पवित्र रक्षा मिलाने पर लाभ में अत्यल्प वृद्धि होती है । तथापि अधिकतर लोगों में उतनी आध्यात्मिक क्षमता न होनेसे वे नामजप के माध्यम से जल को ईश्वरीय चैतन्यसे भारित नहीं कर सकते, जितना कि पवित्र रक्षासे संभव होता है ।

६. SSRF की अगरबत्तियोंद्वारा बनाए पवित्र जल का उपयोग कैसे करें ?

पवित्र जल आध्यात्मिक स्तर पर कार्य करता है, इसलिए इसकी कार्यक्षमता सीधे उसकी सात्त्विकता पर तथा कितने आदर एवं श्रद्धा से उसे रखा जाता है और उसका प्रयोग किया जाता है, इस पर निर्भर करती है । उपयोग करते समय क्या करें अथवा न करें (विधि-निषेधों के संदर्भ में), यह जानने के लिए SSRF की अगरबत्तियोंसे बनाए पवित्र जल का उपयोग कैसे करें?, इस लेख का संदर्भ लें ।