HIN_discomfort-chanting

अपने जन्मानुसार धर्म के देवता का नामजप करते समय अथवा निर्देशित नामजप करते समय हम कभी-कभी शारीरिक अथवा मानसिक अस्वस्थता  अनुभव करते हैं | शारीरिक असुविधा के विभिन्न रूप हो सकते हैं, जिसमें सिरदर्द अथवा मतली समान लगना अथवा सिर भारी होना इत्यादि सम्मिलित है | मानसिक अस्वस्थता चिडचिडापन और व्याकुलता के रूप में हो सकती है
यदि किसी को अस्वस्थता अनुभव हो तब भी चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उसके पीछे एक  सामान्यसा स्पष्टीकरण है |

जब हम नामजप करते हैं तब हम उस देवता के नाम से निकलने वाली ईश्वरीय शक्ति प्राप्त करते हैं | इससे हममें सत्व गुण (अर्थात आध्यात्मिक शुद्धि) में वृद्धि होती है | किंतु हममें से अधिकतर लोग रज-तम प्रधान होते हैं | इस रज-तम का सत्व के साथ संघर्ष होता है और व्यक्ति को अस्वस्थता अनुभव होती है | इसके साथ ही, यदि हमें कष्ट देनेवाली कोई नकारात्मकता अथवा अनिष्ट शक्ति हो तो उसे इस सकारात्मक वृद्धि से कष्ट होने लगता है | यह इसलिए क्योंकि अनिष्ट शक्ति, प्रधानता से रज-तम से बनी होती है और सत्वगुण को सहन नहीं कर सकती | यहां नामजप के सकारात्मक स्पंदन और अनिष्ट शक्ति के नकारात्मक स्पंदनों के मध्य सूक्ष्म तथा न दिखनेवाला युध्द होता रहता है | यह सूक्ष्म संघर्ष किसी प्रकार के शारीरिक कष्ट के माध्यम से प्रकट होता है |

यदि कष्ट जैसे सिर में तीव्र वेदना हो रही हो तब नामजप को रोकना ही अधिक लाभप्रद होगा और सिर में वेदना थमने के उपरांत उसे पुनः आरंभ करें |

शरीर स्वयं को देवता के नामजप से निकलनेवाली इस नए स्तर की पवित्रता   के अनुकूल बनाने का प्रयास करता है । इस कारण यह अस्वस्थता कुछ सप्ताह तक रह सकती है | इसीलिए हमें निरंतर नामजप में दृढ रहना चाहिए क्योंकि यह अस्वस्थता अधिक समय नहीं रहती |