02-alternative-therapies

. प्रस्तावना

इस लेख में हम विभिन्न वैकल्पिक चिकित्साओं की वास्तविक ‘कार्य’ के स्तर पर की तुलना कर रहे हैं I ‘कार्य’ से हमारा तात्पर्य है, व्यक्ति को उसके रोग से मुक्त करवाने के लिए चिकित्सा पद्धति द्वारा वास्तविक रूप से किया गया कार्य ।

इस श्रृंखला के सभी लेखों में, हमने विभिन्न वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को कार्य की गहनता के बढते क्रम (ascending order) में प्रस्तुत किया है । इसलिए विस्तृत श्रेणी के एक छोर पर हमारे पास एलोपैथी है, जो कि शारीरिक स्तर पर शरीर में होनेवाले कष्टदायक स्पंदनों को नष्ट करती है । वहीं विस्तृत श्रेणी के मध्य अन्य चिकित्सा पद्धति ‘मुद्रा’ है, जहां और भी सूक्ष्म कष्टदायक स्पंदनों, जैसे अनिष्ट शक्तियों (दानव, राक्षस, अनिष्ट शक्तियां आदि) की सूक्ष्म कष्टदायक काली शक्ति के स्पंदनों को शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है । इस विस्तृत श्रेणी के दूसरे छोर पर हमारे पास आयुर्वेद है, जो कोशिकाओं एवं अंगों के मध्य की रिक्ति में स्वयं चैतन्य का निर्माण करता है ।

२. एलोपैथी

HIN_M_Alternative_Therapies_Functionsजब शरीर में कोई रोग अथवा विकार होता है, तो वह देह में विभिन्न स्तरों पर कष्टदायक स्पंदन निर्मित करता है I शारीरिक स्तर पर यह चिकित्सा पद्धति, भौतिक शरीर में रोग के कष्टदायक स्पंदनों को नष्ट करते हुए कार्य करती है । चूंकि एलोपैथी मात्र भौतिक शरीर के स्तर पर कार्य करती है, इसलिए यह सभी चिकित्सा पद्धतियों में से निम्नतम है ।

 

 

३. यूनानी

2-HIN-Yunaniयूनानी चिकित्सा शरीर के ऊर्जा प्रवाह के कष्टदायक स्पंदनों का प्रतिरोध करती है । इसका कारण यह है कि इसकी प्रक्रिया शरीर में प्रवाहित ऊर्जा के स्तर तक ही सीमित हैं I यद्यपि हम देख सकते हैं कि इसकी प्रक्रिया एलोपैथी से गहन है । इसलिए इसका प्रभाव अधिक गहन एवं व्यापक है ।

 

 

४. एक्यूप्रेशर

3-HIN-Acupressureकिसी भी रोग की प्रक्रिया शरीर के ऊर्जा प्रवाह में प्रतिरोध उत्पन्न करती है I एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति ऊर्जा प्रवाह में चेतना को सक्रिय करती है । यह चेतना, रोग के कारण ऊर्जा प्रवाह में उत्पन्न प्रतिरोध से लडती है । (चेतना, चैतन्य का वह पहलू है जो देह एवं मन की प्रक्रिया को संचालित करती है I) जैसे ही ऊर्जा प्रवाह सामान्य हो जाता है, शरीर रोग से लडने के लिए अधिक सक्षम बन जाता है । इस प्रकार हम देख सकते हैं कि एलोपैथी एवं यूनानी चिकित्सा की तुलना में रोग अधिक गहन स्तर पर ठीक होता है ।

 

५. मुद्रा

4-HIN-Mudraमुद्रा रोगग्रस्त भागों में उत्पन्न हुए कष्टदायक स्पंदनों को बाह्य वातावरण में उत्सर्जित करती है । कष्टदायक स्पंदनों को दूर करने के परिणामस्वरूप उपचार की प्रक्रिया शीघ्र होती है । परंतु इस वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति का एक दोष यह है कि ये स्पंदन नष्ट नहीं होते एवं वे उसी व्यक्ति में पुनः प्रवेश कर सकते हैं अथवा अन्य व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं I

 

 

 ६. होमियोपैथी

5-HIN-Homeopathyहोमियोपैथी शरीर की कोशिकाओं में चेतना निर्माण करती है । अत: यह वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति उपर्युक्त वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों की तुलना में और अधिक गहन स्तर पर कार्य करती है ।

 

 

 

७. आयुर्वेद

6-HIN-Ayurvedaआयुर्वेद कोशिकाओं की रिक्ति में चैतन्य निर्माण करता है । इससे अनिष्ट शक्तियों की सूक्ष्म काली शक्ति का विघटन उसी स्थान पर होता है ।  यह रिक्ति के स्तर पर कार्य करता है, जो कोशिकाओं से भी सूक्ष्म है और साथ ही यह चैतन्य भी निर्माण करता है, इसलिए इसका कार्य उपर्युक्त वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों में से सूक्ष्मतम एवं अधिक व्यापक है ।