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जोम्बी वॉक के आध्यात्मिक प्रभाव

जोम्बी वॉक परेड के संदर्भ में

वर्ष २००० के आरंभ में एक नए प्रकार का सामाजिक उत्सव जिसे जोम्बी वॉक कहते हैं प्रचलित होने लगा । जोम्बी वॉक लोगों द्वारा आयोजित एक सार्वजनिक सभा होती है जिसमें वे जोम्बीस (शवों) जैसी वेशभूषा धारण करते हैं । जोम्बीस अर्थात एेसा व्यक्ति जो ऊर्जाहीन लगता है, बिना सोच के कार्य करता है, और जिसे सुध-बुध नहीं रहती अथवा एक मृत व्यक्ति जिसे जादू द्वारा पुनः जीवित किया गया हो यह सर्वप्रथम केलिफोर्निया, यू.एस.ए. में प्रारंभ हुआ तत्पश्चात यू.एस.ए., कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमरीका, यूरोप के कुछ अन्य शहरों तथा कुछ एशियाई देशों में अति शीघ्रता से फैल गया ।

इन दिनों सहस्त्रों की संख्या में लोग किसी भी एक शहर में विचित्र वेशभूषा में एकत्रित होते हैं तथा सभी अपनी राक्षसी वेशभूषा से एक दूसरे से श्रेष्ठ दिखने का प्रयत्न करते हैं । प्रतिभागियों तक पहुंचने हेतु तथा कार्यक्रम की लोकप्रियता को बढाने के लिए सोशल मीडिया तथा जालस्थल (इन्टरनेट) का प्रयोग किया जाता है । परेड के समय, प्रतिभागी जॉम्बीस (शवों) जैसी वेशभूषा धारण करते हैं तथा जॉम्बीस समान व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित किए जाते हैं । उनकी बातचीत का ढंग जॉम्बी (शव) समान होता है, जिसमें गुर्राना, कराहना अथवा रोने जैसे स्वर सम्मिलित हैं । बडे तथा बच्चे इस गतिविधि में बढ-चढ का भाग लेते हैं । हैलोवीन के विपरीत, जॉम्बीवाक वर्षभर में विभिन्न तिथियों पर आयोजित होती है ।

जोम्बी वॉक से संबंधित नकारात्मकता की प्रमुख विशेषताएं

इस सामाजिक आयोजन को बढावा देनेवाले पांचवे पाताल के सूक्ष्म स्तरीय मांत्रिक होते हैं ।

जोम्बी वॉक के पहलू –    के संबंध में : उत्सव में सक्रिय वयस्क प्रतिभागी उत्सव में सक्रिय बाल प्रतिभागी वे लोग जो सम्मिलित नहीं होते
रज-तम में वृद्धि (वातावरण में आध्यात्मिक अशुद्धि)

४० प्रतिशत

४० प्रतिशत

३० प्रतिशत

भूतावेश से पीडित होने की संभावना में वृद्धि

५० प्रतिशत

५० प्रतिशत

३० प्रतिशत

प्रतिकूल प्रभाव के रहने की अवधि

१० सप्ताह

१० सप्ताह

५ सप्ताह

कई अर्थों में यह आयोजन हैलोवीन से भी बुरा है क्योंकि इसमें धारण की जाने वाली वेशभूषा में तमो गुण का स्तर और राक्षसी रूप अधिक यथार्थ हो जाता है । चैतन्य से रहित यह उत्सव केवल नकारात्मकता से परिपूर्ण है । परिणामस्वरूप सम्पूर्ण वायुमंडल नकारात्मक स्पंदनों से भारित हो जाता है जिसका प्रयोग अनिष्ट शक्तियां व्यक्ति को प्रभावित तथा आविष्ट करने में करती हैं । प्रतिभागी तथा खतरे से अनभिज्ञ दर्शक दोनों ही नकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं एवं इसका प्रभाव लगभग १० सप्ताह तक रह सकता है । ऐसी परेड में बार बार सम्मिलित होने पर प्रतिभागी के अनिष्ट शक्तियों द्वारा आविष्ट होने की संभावना बढ जाती है ।

उत्सव का वास्तविक उद्देश्य उस दिन चैतन्य को ग्रहण करना होता है क्योंकि प्रत्यक्ष उत्सवों के दिन वातावरण में चैतन्य अत्यधिक मात्रा में विद्यमान रहता है । जोम्बी वॉक को उच्च स्तरीय अनिष्ट शक्तियों द्वारा प्रवृत्त किया गया है तथा इसकी व्यापक लोकप्रियता भी उन्हीं के कारण हुई है । जब इस प्रकार की गतिविधियां लोगों द्वारा अपनायी जाती है तब अनिष्ट शक्तियों के लिए उन्हें आविष्ट करना अधिक सरल हो जाता है ।

एक नियम है कि समान गुण धर्म के लोग आपस में आकर्षित होते हैं । अतः जिन लोगों को इस प्रकार की राक्षसी वेशभूषाओं (जो तम प्रधान होती हैं) से लगाव होता है वे स्वयं भी प्रायः तम प्रधान होते हैं । अनिष्ट शक्तियों द्वारा ऐसे लोगों को प्रभावित अथवा आविष्ट किए जाने की संभावना अधिक रहती है । अनिष्ट शक्तियां इन लोगों को प्रभावित कर, उनमें इस प्रकार की गतिविधियों में सम्मिलित होने हेतु उनके विचारों को प्रभावित करती हैं ।