प्रकरण अध्ययन : कष्टदायक और गंभीर मासिक रजोस्राव पर आध्यात्मिक उपचार

SSRF द्वारा प्रकाशित प्रकरण-अध्ययनों (केस स्टडीस) का मूल उद्देश्य है, उन शारीरिक अथवा मानसिक समस्याओं के विषय में पाठकों का दिशादर्शन करना, जिनका मूल कारण आध्यात्मिक हो सकता है । यदि समस्या का मूल कारण आध्यात्मिक हो, तो यह ध्यान में आया है कि सामान्यतः आध्यात्मिक उपचारों का समावेश करने से सर्वोत्तम परिणाम मिलते हैं । SSRF शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं के लिए इन आध्यात्मिक उपचारों के साथ ही अन्य परंपरागत उपचारों को जारी रखने का परामर्श देता है । पाठकों के लिए सुझाव है कि वे स्वविवेक से किसी भी आध्यात्मिक उपचारी पद्धति का पालन करें ।

 सारांश

पॅम पिछले तीन सप्ताह सेपेट में तीव्र वेदना और गंभीर रजोस्रावसे पीडित थी । औषधि से कोई लाभ नहीं हुआ । अंक के जप के योग्य आध्यात्मिक उपचार करने से ही वेदना घटने लगी तथा अत्यधिक रजोस्राव भी घट गया ।

पॅम उनका वास्तविक नाम नहीं है तथा गोपनीयता के उद्देश्य से प्रयुक्त किया गया है ।

१. पॅम से साक्षात्कार

साक्षात्कारकर्त्ता : पॅम, आपको जो समस्या थी, क्या आप हमें उसके संदर्भ में बता सकती हैं ?

पॅम : मुझे लंबे समय तक तथा कष्टदायक गंभीर मासिक रजोस्राव हुआ था, जिसके रूकने के कोई लक्षण नहीं दिख रहे थे । वह वर्ष २००६ में १५ जुलाई से आरंभ होकर ७ अगस्त तक वह चलता ही रहा । इस कालावधि में मुझे पेट के निचले भाग में अत्यधिक वेदना भी हो रही थी, जो सामान्यतः माहवारी के समय मुझे नहीं होता था । वेदना अति विचित्र थी । ऐसा लग रहा था मानो मेरे पेट का निचला भाग खींच रहा है और निचोडा जा रहा है । इसके साथ मुझे बहुत थकान हो रही थी, जैसे मेरी सारी शक्ति समाप्त हो गई हो । छोटी-छोटी बातों पर मेरी चिडचिडाहट रही थी ।

साक्षात्कारकर्त्ता : क्या ये समस्या पहले भी हुई थी ?

पॅम : नहीं, यह पहली बार था ।साक्षात्कारकर्त्ता : आप चिकित्सक के पास कब गईं ?

पॅम : आरंभ में मैंने चिकित्सक के पास जाने में यह सोचकर विलंब किया कि मुझे हो रहा यह कष्ट तो बस असामान्य रजोस्राव है । किंतु दो सप्ताह रक्तस्राव न रूकने तथा वेदना होते रहने के कारण मैं २७ जुलाई को चिकित्सक के पास गई ।

साक्षात्कारकर्त्ता : चिकित्सक ने क्या कहा ?

पॅम : मेरे रक्त तथा मूत्र का परीक्षण किया गया, परंतु दोनों के निरीक्षणों में कुछ नहीं निकला । चिकित्सक ने मुझे प्राइमोल्युट एन – ५ मि.ग्रा. (Primolut N tablets 5 mg) की गोली सात दिनों के लिए दी । सात दिनों के उपरांत भी तनिक भी राहत नहीं मिली । मुझे हो रहे कष्ट से तनिक भी राहत न मिली देख चिकित्सक चकित थे । तत्पश्‍चात मेरे पेट की अल्ट्रासाऊंड परीक्षण हुआ । उसमें भी कुछ नहीं दिखा । चिकित्सक ने मुझे पहले की ही औषधि उसी मात्रा में जारी रखने के लिए कहा । जब मैं और औषधि लेने गई तो औषधि विक्रेता भी चकित हो गया ।

उस समय, मैं बहुत चिंतित हो गई क्योंकि कोई निदान नहीं हो पा रहा था और औषधि का भी कोई प्रभाव नहीं पड रहा था ।

साक्षात्कारकर्त्ता : उसके उपरांत क्या हुआ ?

पॅम : पिछले दो वर्षों से मैं SSRF के मागदर्शन में साधना कर रही थी । इस बात से मैं अवगत थी कि सर्वोत्तम पारंपारिक उपचारों से भी यदि व्याधि ठीक नहीं हुई, तो उसका मूल कारण आध्यात्मिक हो सकता है ।

पॅम : ठीक उसी समय SSRF ने अपने जालस्थल पर एक लेख – शारीरिक व्याधियों के लिए नामजप प्रकाशित किया । मैं निम्नलिखित तीन कष्टों से पीडित थी :

१. पेट के निचले भाग में वेदना होना,

२. अत्यधिक माहवारी स्राव, एवं

३. सतत थकान तथा चिडचिडाहट होना

इन तीन लक्षणों में से पेट की वेदना सर्वाधिक तीव्र थी;क्योंकि उससे मुझे बहुत कष्ट हो रहा था, इसलिए मैंने पेट के निचले भाग में होनेवाली वेदना के लिए आध्यात्मिक उपचारी नामजप आरंभ किया । शीघ्र ही वेदना घटने लगी । मेरी घटती वेदना तथा निरंतर नामजप का प्रत्यक्ष संबंध था । मैं दिनभर नामजप करती रही । मेरे मित्र का फोन आने पर मैं कुछ समय के लिए नामजप रोककर उससे बातें करने लगी कि पुनः वेदना प्रारंभ हो गई । मुझे फोन रखकर पुनः नामजप आरंभ करना पडा ।

४. अगस्त से, मैंने नामजप के साथ अनिष्ट शक्तियों के आक्रमण से रक्षा के लिएनिरंतर प्रार्थना करना आरंभ किया । २४ घंटे के भीतर पेट की वेदना लगभग समाप्त हो गई थी । इसके उपरांत ४ अगस्त को मैंने मासिकधर्म स्राव के लिए नामजप आरंभ किया । पुनः, एक घंटे के भीतर ही मासिकधर्म के स्राव अल्प होने लगा । ७ अगस्त २००६ को यह पूर्णतः अल्प हो गया ।

साक्षात्कारकर्त्ता : क्या आपने आध्यात्मिक उपचार करते समय चिकित्सकीय उपचार रोक दिए थे ?

पॅम : नहीं

साक्षात्कारकर्त्ता : आपका समय देने के लिए धन्यवाद पॅम ।

पॅम : आपका स्वागत है ।

२. आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य से पॅम के प्रकरण के कुछ सारांश बिंदू

  • अनिष्ट शक्ति (भूत, प्रेत, राक्षस, इत्यादि)शरीर के किसी तंत्र का कार्य बंद कर सकती हैं अथवा औषधि को निष्प्रभ कर सकती हैं ।
  • जब एक व्याधि, जिसे औषधि लेने से सामान्य रूप से ठीक हो जाना चाहिए, नहीं होती, तो यह आध्यात्मिक स्वरूप की हो सकती है ।
  • पॅम जिस प्रकार औषधियां लेती रही, उसी प्रकार करना हितकर है; क्योंकि इससे उपचार की प्रक्रिया शारीरिक तथा आध्यात्मिक दोनों स्तरों पर होने में सहायता मिली ।