प्रकरण अध्ययन – कक्ष के चारों ओर अपने आप कालिख उभरना

SSRF द्वारा प्रकाशित प्रकरण-अध्ययनों (केस स्टडीस) का मूल उद्देश्य है, उन शारीरिक अथवा मानसिक समस्याओं के विषय में पाठकों का दिशादर्शन करना, जिनका मूल कारण आध्यात्मिक हो सकता है । यदि समस्या का मूल कारण आध्यात्मिक हो, तो यह ध्यान में आया है कि सामान्यतः आध्यात्मिक उपचारों का समावेश करने से सर्वोत्तम परिणाम मिलते हैं । SSRF शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं के लिए इन आध्यात्मिक उपचारों के साथ ही अन्य परंपरागत उपचारों को जारी रखने का परामर्श देता है । पाठकों के लिए सुझाव है कि वे स्वविवेक से किसी भी आध्यात्मिक उपचारी पद्धति का पालन करें ।

टिप्पणी : इस प्रकरण अध्ययन की पृष्ठभूमि समझने के लिए और ऐसी घटनाएं विशेष रूप से SSRF के संबंध में क्यों हो रही हैं, जानने के लिए कृपया पढें – भयभीत करनेवाली असाधारण घटनाओं का परिचय

१. परिचय

यह एक अलग प्रकार के स्वतः दहन का प्रकरण अध्ययन है । कहीं आग न जली होने पर भी कालिख के अवशेष चारों ओर दिखाई दे रहे थे, जैसे मानो वहां आग लगी हो । इस घटना का वर्णन परम पूजनीय डॉ. आठवलेजी के मार्गदर्शन में साधना करनेवाली साधिका श्रीमती शेरॉन क्लार्क सिक्वेरा ने किया है ।

२. घटना से पहले का प्रसंग

1-hin-Sharon

 

यह विचित्र घटना जुलाई २००३ में घटी । मैं ऑस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न में SSRF के वहां के साधकों के साथ समय व्यतीत करने तथा गुरुपूर्णिमा के महोत्सव में सम्मिलित होने के लिए गई थी । मैं दो साधक वामसी कृष्णा तथा शॉन क्लार्क (जो मेरा भाई है) के साथ उनके घर पर रुकी हुई थी जो मेलबॉर्न में सेवाकेंद्र भी था । सेवाकेंद्र वह स्थान होता है, जहां साधक साथ में रहकर अध्यात्मप्रसार की सेवा करते हैं । गुरुपूर्णिमा से ठीक पहले साधकों ने मकान मालिक से महोत्सव की तैयारी हेतु घर को रंगवाने की अनुमति ले ली थी ।

मुझे स्मरण है कि गुरुपूर्णिमा महोत्सव के दिन साधकों को भाव जागृति की अनुभूति हुई थी तथा उस प्रवचन में अधिक संख्या में लोग सम्मिलित हुए थे । हमने विविध अध्यात्मिक पहलुओं को ठीक से समझाने हेतु चित्रों तथा सूक्ष्म-ज्ञान पर आधारित चित्रों की विभिन्न स्लाइडों को भी दिखाया । ठीक एक दिन पहले, हमारे यूरोप के एक साधक ने हमें बताया कि वहां के एक साधक में अनिष्ट शक्ति का प्रकटीकरण हुआ है । उसने हमें यह कहकर चेताया कि साधक में प्रकट हुर्इ अनिष्ट शक्ति ने धमकाया था कि अनिष्ट शक्तियों की योजना मेलबॉर्न सेवाकेंद्र पर आक्रमण करने की है । हम इस चेतावनी से आश्चर्यचकित थे तथा उस समय यह पूर्ण रूप से नहीं समझ पा रहे थे कि वे किस माध्यम से आक्रमण करेगी ।

३. वास्तविक आक्रमण

अगले दिन, मेलबॉर्न में शीत लहर आ गई । मैंने बैठक कक्ष में सोने का निर्णय लिया जहां प्रवचन हुआ था जिससे कि मैं वहां रखे विद्युत तापक (इलेक्ट्रिक हीटर) का प्रयोग कर सकूं । मैंने सभी खिडकियां बंद कर दी, विद्युत तापक चालू कर दिया तथा संरक्षणात्मक आध्यात्मिक उपाय के रूप में, कोने में घी का दीपक जला दिया । जब सवेरे शॉन ने मुझे उठाया तो हम यह देखकर आश्चर्यचकित रह गए कि रात भर में सभी नए रंगे हुए भित्तियों, पटिया (फर्श), दरवाजों तथा फर्नीचर पर कालिख समान अवशेष की एक पतली परत निर्मित हो गई थी । देवताओं के चित्रों पर सर्वाधिक अवशेष था I

नीचे दिया गया स्लाइड शो विविध वस्तुओं को दर्शाता है जिन पर आक्रमण हुआ था ।

 

लेख के चारों ओर श्रीकृष्ण तत्त्व युक्त चौखट बनाई गई है जिससे पाठकों को चित्र देखते समय अथवा उपर्युक्त दी गई जानकारी पढते समय कष्ट का अनुभव न हो ।

४. बौद्धिक विश्लेषण

छोटे घी के दीपक से पूरे कक्ष में ‘कालिख समान’ अवशेष उभरने की कोई संभावना नहीं थी । घी वैसे ईधन के समान नहीं होता जो कालिख निर्माण कर सके और न ही उस रात्रि उतना घी जला जिससे कक्ष में इतनी मात्रा में कालिख निर्माण हो जाए । हमने समान परिस्थिति में कई बार इसी प्रकार घी के दीपक जलाए किंतु ऐसा पहले कभी नहीं हुआ । जब हमने अपनी चादर को देखा तब उस पर भी कालिख समान धब्बे थे । व्यावहारिक रूप से यह भी संभव नहीं था, क्योंकि चादर पर कालिख के धब्बे बनने के लिए उसे पहले गद्दे से तथा हमारे शरीर से होते हुए निकलना आवश्यक पडता । रोचक बात यह थी कि हमारे वस्त्रों अथवा शरीर पर कालिख समान किसी प्रकार का अवशेष नहीं था । बौद्धिक स्तर पर इस घटना के किसी कारण का पता न चलने के उपरांत, हमने माना कि यह अनिष्ट शक्ति का आक्रमण था ।

५. सूक्ष्म विश्लेषण तथा आध्यात्मिक उपचार

सूक्ष्म अंतर्दृष्टि विभाग SSRF का एक विभाग है जिसमें ऐसे साधक हैं जो सूक्ष्म आयाम में देख सकते हैं, सूक्ष्म जगत के चित्र बना सकते है (सूक्ष्म चित्र) तथा आधात्मिक उपचार कर सकते हैं । इस विभाग के कुछ साधकों को दिव्य ज्ञान प्राप्त हो रहा हैं तथा कुछ ईश्वरीय कला प्राप्त कर रहे हैं । SSRF का शोध कार्य मुख्यतः इसी विभाग द्वारा किया जाता है ।

हमने यह अनुभव किया कि गुरुपूर्णिमा के समय शहर के विविध स्थानों पर SSRF द्वारा आयोजित अनेक प्रवचनों के कारण हुर्इ अत्यधिक आध्यात्मिक गतिविधि ने अनिष्ट शक्तियों को क्रोधित कर दिया तथा इस कारण वे हमें इस आक्रमण से भयभीत करने का प्रयास कर रही थी । तथापि हमने इस पूरी घटना को रिकॉर्ड करने तथा उसका अध्ययन करने हेतु आवश्यक समझा । इसलिए हमने सभी काली हुई वस्तुओं का छायाचित्र लिया तथा उन्हें SSRF के सूक्ष्म-विभाग को ईमेल भेज कर सूचित कर दिया । इसके उपरांत हम चारों साधकों ने बालटी तथा कपडा लिया और लगभग सभी स्थानों पर लगी हुई कालिख को स्वच्छ करने के विशाल कार्य में जुट गए ।

SSRF शोध केंद्र के सूक्ष्म-ज्ञान विभाग से बात करने पर उन्होंने इसे अनिष्ट शक्तियों द्वारा किया आक्रमण बताया । उन्होंने हमें कक्ष को आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करने तथा उस सूक्ष्म-आक्रमण के प्रभावों से मुक्त करने के लिए कक्ष में निरंतर परम पूजनीय भक्तराज महाराजजी द्वारा गाए भजनों को लगाने के लिए कहा । (उच्चस्तरीय संतों द्वारा गाए भजनों से उत्पन्न चैतन्य एक शक्तिशाली आध्यात्मिक उपचार के उपाय के रूप में कार्य करता है ।)

उस कक्ष में समान भौतिक स्थिति में घी का दीपक जलाने तथा खिडकियां बंद कर हीटर (तापक) लगाने की क्रिया दोहराए जाने पर भी ऐसी असामान्य घटना पुनः उस घर में कभी नहीं घटी ।