Case Studies
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स्वभाव दोष तथा अहं में सुधार हेतु विश्लेषण के लिए उदाहरणात्मक सारणी
इस लेख में स्वभाव दोष निर्मूलन तथा अहं निर्मूलन के लिए उदाहरणात्मक सारणी के विषय में बताया गया है जिसे आप ऑनलाइन देख भी सकते हैं अथवा डाउनलोड भी कर सकते हैं I
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स्वसूचना क्या है ?
स्वसूचना क्या है ? पिछले दो लेखों में, हमने स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया क्या है एवं अपने स्वभावदोष कैसे पहचानें, इन विषयों को प्रस्तुत किया था । स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया में अगला चरण है अपने स्वभावदोष दूर करना, तथा इस लेख में हम ऐसी तकनीक को समझेंगे जो हमें यह करने में सहायता करेगी । १. … स्वसूचना क्या है ? को पढ़ना जारी रखें
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क्या सकारात्मक वाक्य (अफर्मेशन) प्रभावी सिद्ध होते हैं ?
क्या सकारात्मक वाक्य (अफर्मेशन) प्रभावी सिद्ध होते हैं ? १. प्रस्तावना “मैं कभी भी अच्छे से नहीं कर पाऊंगी !” – जेनिफर के मन में यह विचार आया क्योंकि कार्यालय में उससे एक और गलती हो गई । परिपूर्ण इच्छाशक्ति के साथ और एक कप कॉफी पीने के पश्चात, वह एकाग्रचित्त होकर बैठी और सकारात्मक … क्या सकारात्मक वाक्य (अफर्मेशन) प्रभावी सिद्ध होते हैं ? को पढ़ना जारी रखें
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नकारात्मक विचारों का निवारण – C १ पद्धति की स्वसूचना
१. C १ पद्धति की स्वसूचना की प्रस्तावना वर्ष २००५ में, राष्ट्रीय विज्ञान संस्था (National Science Foundation ) ने लोगों में प्रतिदिन आने वाले विचारों की संख्या से संबंधित शोध के विषय में एक लेख प्रकाशित किया था । उसमें यह अनुमान था कि एक सामान्य व्यक्ति के मन में प्रतिदिन १२,००० से ६०,००० की … नकारात्मक विचारों का निवारण – C १ पद्धति की स्वसूचना को पढ़ना जारी रखें
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आत्म-विश्लेषक साधन – स्व.दोष.निर्मूलन सारणी (भाग २)
स्वभाव दोष के कारण होनेवाली अयोग्य कृति अथवा प्रतिक्रिया के मूल कारण का विश्लेषण कैसे करना है । यह इस लेख में दिया गया है ।
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आत्म-विश्लेषक साधन – स्व.दोष.निर्मूलन सारणी (भाग १)
१. आत्म-विश्लेषण की प्रस्तावना हम सभी का एक स्वभाव होता है और हम सभी में स्वभाव दोष भी विविध मात्रा में होते हैं, किसी में अल्प तो किसी में अधिक । खंड २.१ – आत्म जागरूकता व्यक्तित्व विकास का प्रथम चरण है, में हमने एक अच्छा व्यक्ति बनने हेतु स्वभाव दोषों के प्रति आत्म जागरूक … आत्म-विश्लेषक साधन – स्व.दोष.निर्मूलन सारणी (भाग १) को पढ़ना जारी रखें
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स्वयं के विषय में जानकारी एकत्रित करना – चूक कैसे लिखें
इस पाठ में हम स्वयं के बारे में जानकारी एकत्रित करने तथा उन्हें कैसे लिखना है इसके विषय में बताया गया है I
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चूकों का वर्गीकरण
१. चूकों का व्यापक वर्गीकरण इस लेख में, हम व्यापक ढंग से चूकों के वर्गीकरण पर चर्चा करेंगे । चूकों को अयोग्य कृत्य तथा अयोग्य प्रतिक्रियाएं एवं अयोग्य कृत्य तथा प्रतिक्रियाओं के मिश्रित स्वरूप में वर्गीकृत किया जा सकता है । चलिए चूकों के प्रत्येक श्रेणी के कुछ उदाहरण देखते हैं … चूकों का वर्गीकरण को पढ़ना जारी रखें
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आत्मजागरूकता व्यक्तित्व विकास का पहला चरण है
१. आत्मजागरूकता के महत्त्वकी प्रस्तावना हमारे पहले खंड में हमने, व्यक्तित्व कैसे बनता है और स्वभाव दोष व्यक्ति की मनुष्य के रूप में बढने तथा विकसित होने की क्षमता को क्यों घटा देते हैं, इन बिंदुओं पर चर्चा की । हमारे दुखी होने का सर्वाधिक प्रमुख कारण हमारे स्वभाव दोष हैं । … आत्मजागरूकता व्यक्तित्व विकास का पहला चरण है को पढ़ना जारी रखें
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साधना के रूप में स्वभावदोष निर्मूलन
१. साधना के रूप में स्वभावदोष निर्मूलन – प्रस्तावना प्राचीन धर्म-ग्रंथों के अनुसार मनुष्य का मन ही उसके बंधन और मुक्ति का कारण है । मन के कारण ही जन्म-मरण तथा सुख-दुख के चक्रव्यूह से चिरंतन मुक्ति संभव है । स्वभाव के दोष ही मनुष्य के दुख के तथा गुण (सद्गुण) उसके सुख एवं संतोष … साधना के रूप में स्वभावदोष निर्मूलन को पढ़ना जारी रखें
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परम पूजनीय डॉ. आठवलेजी – स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया के जनक
१. यह कैसे प्रारंभ हुआ ? यह अनूठी प्रक्रिया SSRF प्रेरणास्रोत तथा अध्यात्म विश्वविद्यालय के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ.आठवलेजी द्वारा विकसित की गई है । अपने पहले के व्यवसायिक जीवन में, परम पूजनीय डॉ.आठवलेजी एक सम्मोहन विशेषज्ञ (हिप्नोथेरेपिस्ट) थे तथा इस क्षेत्र में सुदृढ शोध की पृष्ठभूमि से थे । इंग्लैंड में नैदानिक सम्मोहनशास्त्र के … परम पूजनीय डॉ. आठवलेजी – स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया के जनक को पढ़ना जारी रखें
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हमारे व्यक्तित्व पर पिछले जन्मों का प्रभाव
१. मन के आध्यात्मिक पहलू की प्रस्तावना एक ही परिस्थिति में अलग लोग अलग वर्त्तन क्यों करते हैं, इसे समझने में व्यक्ति के मन का आध्यात्मिक पक्ष एक महत्वपूर्ण पहलू है । किसी परिस्थिति में व्यक्ति कैसे वर्त्तन करेगा, कभी-कभी यह उसके स्वभाव से विपरीत हो सकता है । यह सिद्धांत आधुनिक मनोविज्ञान को अज्ञात … हमारे व्यक्तित्व पर पिछले जन्मों का प्रभाव को पढ़ना जारी रखें
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आत्मजागरूक बनने के मार्ग की रुकावटें
किसी से कुछ सीखने के मार्ग में आनेवाली कुछ सामान्य रुकावटें निम्नानुसार हैं । १. स्वयं में सुधार करने की इच्छा न होना : कुछ व्यक्तियों में स्वयं को सुधारने की मूलभूत इच्छा का ही अभाव होता है । यह घमंड अथवा आलस्य जैसे स्वभाव दोषों के कारण हो सकता है । २. सीखने की … आत्मजागरूक बनने के मार्ग की रुकावटें को पढ़ना जारी रखें
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स्वभाव क्या है ?
१. परिचय जब कोई वास्तव में अपना व्यक्तित्त्व सुधारना चाहता है तथा अपने स्वभाव दोषों पर विजय प्राप्त करना चाहता है, तो व्यक्तित्त्व का स्वरूप तथा प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तित्त्व एवं मन किस प्रकार आध्यात्मिक आयाम से प्रभावित होता है, यह जानने से आरंभ करना उचित होगा । हमारी सभ्यता में समाज में एक लोकप्रिय … स्वभाव क्या है ? को पढ़ना जारी रखें
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स्वभाव की वांछित एवं अवांछित विशेषताएं
1. वांछित विशेषताएं विरुद्ध अवांछित विशेषताएं पिछले ट्युटोरियल में हमने देखा कि अधिकतर लोगों में बीस से तीस प्रमुख गुण कैसे उसके मुख्य स्वभाव को बनाते हैं । इन विशेषताओं को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है : १. वांछित विशेषताएं : जैसे परिश्रम करना, ईमानदारी तथा सत्यनिष्ठता २. अवांछित विशेषताएं : जैसे झूठ … स्वभाव की वांछित एवं अवांछित विशेषताएं को पढ़ना जारी रखें
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स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया का परिचय
१. विश्व भर के दृश्य वाशिंगटन डीसी, यूएसए : प्रातः ८ असावधान रहने के कारण जब जॉन भूल गया कि उसने चाबी कहां रखी है, तब उसने घबराकर उसे ढूंढने में अपना केवल एक घंटा ही नहीं गंवाया, अपितु चाबी ढूंढने में पूरे घर को अस्त-व्यस्त कर अपनी पत्नी का मानसिक स्वास्थ्य भी बिगाड दिया … स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया का परिचय को पढ़ना जारी रखें
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साधना के रूप में स्वभावदोष निर्मूलन
१. व्यक्ति के स्वभाव दोषों का साधना पर नकारात्मक प्रभाव प्राचीन धर्म-ग्रंथों में एक कथन है – मनुष्य का मन ही उसके बंधन और मुक्ति का कारण है । मन के कारण ही जन्म-मरण तथा सुख-दुख के चक्रव्यूह से चिरंतन मुक्ति संभव है । जैसे कि हमने पूर्व में देखा है कि व्यक्ति के स्वभावदोष … साधना के रूप में स्वभावदोष निर्मूलन को पढ़ना जारी रखें
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स्वभाव दोष तथा मानसिक तनाव से निपटना
१. तनाव से निपटने की क्षमता विरुद्ध अक्षमता इस खंड में तनाव से कैसे निपटें, यह अच्छे से समझने के लिए, हमने दो चित्र दिखाए हैं । नीचे दर्शाए गए चित्र में एक व्यक्ति को चार गठरियां ढोते दिखाया गया है । व्यक्ति द्वारा ढोयी जा रही प्रत्येक गठरी जीवन की विभिन्न समस्याओं को दर्शाती … स्वभाव दोष तथा मानसिक तनाव से निपटना को पढ़ना जारी रखें