अनिष्ट शक्तियों से लोग कैसे आविष्ट हो जाते हैं ?

१. परिचय

आध्यात्मिक रूप से जिज्ञासु व्यक्ति अधिकतर ही यह प्रश्न पूछते हैं कि अनिष्ट शक्तियों से लोग आविष्ट कैसे हो जाते हैं ? आविष्ट होने की प्रक्रिया विशिष्ट रूप से चार सामान्य चरणों में होती है । ये चरण कुछ क्षणों में पूरे हो सकते हैं अथवा कभी-कभी इन्हें पूरे होने में कई महीने लग जाते हैं । इसके संदर्भ में इस लेख में विस्तार से वर्णन किया गया है ।

२. अनिष्ट शक्तियों (भूत, प्रेत, राक्षस, इत्यादि) द्वारा लोगों के आविष्ट होने का वर्णन करनेवाला एक उदाहरण

How do people get possessed - An analogy explaining possession by a ghostलोगों के अनिष्ट शक्ति से आविष्ट होने की प्रक्रिया अच्छे से समझने के लिए एक किले का उदाहरण लेते हैं, जिसपर प्राचीन समय में आक्रमण हुआ और उसे घेर लिया गया । किले के सुरक्षा तंत्र में इसकी दीवार, इसके रक्षक एवं इसके अनाज भंडार में रखा अनाज है । इन सब के कारण शत्रु को बाहर प्रतीक्षा करनी पडती है । शत्रु घेराबंदी कर चुका है, तथा धैर्यपूर्वक किले के बाहर खडा है । वह अंदर के लोगों को भूखा रखकर अथवा मानसिक युक्ति के प्रयोग द्वारा उन्हें निर्बल बनाने का प्रयत्न करता है । शत्रु किले के सुरक्षा तंत्र में सेंध मारने के प्रत्येक अवसर को झपट लेता । इस पूरी प्रक्रिया में बहुत समय लग सकता है । तथापि एक बार किले में सेंध मारने के पश्चात, शत्रु उसे और तोडने पर एवं किले को नियंत्रण में लेने पर ध्यान देता है ।

यह विधि प्रायः अनिष्ट शक्तियों (भूत, प्रेत, राक्षस, इत्यादि) द्वारा लोगों को आविष्ट करने तथा उन पर नियंत्रण करने के समान ही है । लक्ष्यित व्यक्ति उपरोक्त उदाहरण में दिए किले के समान है तथा शत्रु अनिष्ट शक्ति (भूत, प्रेत, राक्षस, इत्यादि) का प्रतिनिधित्व करता है ।

३. आविष्ट होने की कालावधि

ऊपर बताए अनुसार, भूतावेश की प्रक्रिया कुछ सेकेंडों में अथवा कुछ महिनों में हो सकती है । यह मुख्यतः दो कारकों पर निर्भर करता है :

१. आविष्ट होनेवाले व्यक्ति की दुर्बलता । इसका अर्थ है, शारीरिक अथवा मानसिक स्तर की दुर्बलता ।

२. अनिष्ट शक्ति तथा भूतावेश के लिए लक्ष्यित व्यक्ति की तुलनात्मक आध्यात्मिक शक्ति । अनिष्ट शक्ति अपने से १० प्रतिशत अधिक आध्यात्मिक शक्तिवाले व्यक्ति पर ना ही आक्रमण कर सकती है और ना ही उसे आविष्ट कर सकती है । संदर्भ हेतु पढें लेख, अनिष्ट शक्तियों (भूत, प्रेत, राक्षस, इत्यादि) के विरुद्ध आध्यात्मिक स्तर कितनी मात्रा में सुरक्षा-कवच प्रदान करता है ? Iउच्च आध्यात्मिक शक्ति की अनिष्ट शक्ति निम्न आध्यात्मिक शक्ति के व्यक्ति को सरलता से आविष्ट कर सकती है । आध्यात्मिक शक्ति साधना से प्राप्त होती है ।

४. चरण १ : भूतावेश के लिए वातावरण निर्मिति (किले की सुरक्षा को दुर्बल करना)

अनिष्ट शक्ति सर्वप्रथम लक्ष्यित व्यक्ति के वातावरण को आविष्ट करने की प्रक्रिया हेतु अनुकूल बनाती है । यह मन को अस्थिर करनेवाली परिस्थितियां निर्मित करती है अथवा उसका लाभ उठाती है और इस प्रकार व्यक्ति को दुर्बल बनाती है । ये परिस्थितियां शारीरिक स्तर की अथवा मानसिक स्तर की हो सकती हैं ।

  • शारीरिक स्तर पर, अनिष्ट शक्ति त्वचा में चकते पडना (स्कीन रेशेस) , शिशु का पूरी रात रोते रहना, जिससे उनके माता-पिता अनिद्रा से पीडित हो जाएं इत्यादि जैसी समस्याएं निर्मित करती हैं अथवा उनका लाभ उठाती है । वे इन समस्याओं से निर्मित दुर्बलताओं का लाभ उठाकर प्रवेश का मार्ग बनाती हैं
  • मानसिक स्तर पर, वे हम पर निम्नांकित में से किसी के द्वारा प्रभाव डालती हैं ।
    • स्वभावदोषों जैसे क्रोध, भय, भावनात्मक प्रवृति इत्यादि का लाभ उठाकर । वे इन स्वभावदोषों को और बढाती हैं एवं इस प्रकार हमारी दुर्बलता में और वृद्धि करती हैं । स्वभावदोष जितने अधिक होंगे, अनिष्ट शक्ति के लिए आविष्ट करना उतना अधिक सरल होगा, इस प्रकार भूतावेश की पूरी प्रक्रिया शीघ्र गति से होने लगती है । तमप्रधान व्यक्ति जिनमें दुर्बल मन, अस्थिरता, तीव्र इच्छा तथा भयग्रस्तता जैसे स्वभाव दोष हों, उन्हें आविष्ट करना अनिष्ट शक्तियों के लिए अधिक सरल होता है । अनिष्ट शक्ति हमारे स्वभाव दोषों को हानिकारक विचारों से और बढाकर हमारे संसार को और भी अस्थिर बना देती है ।
    • वह नकारात्मक विचार डालती है, अपने तथा अन्यों के संदर्भ में शंका निर्माण करती है , निराशा लाती है, घर में झगडे करवाती है । अनिष्ट शक्ति द्वारा व्यक्ति में डाले गए अनुचित विचारों के कारण वह दुर्व्यवहार करने लगता है । वह अपने सामान्य व्यवहार से एकदम अलग व्यवहार करने लगता है, जिससे उसका मानसिक संतुलन बिगड जाता है । इसका उदाहरण ऐसा हो सकता है, एक अकेली स्त्री को तीव्र यौन संबंधी विचार आना तथा किसी भी पुरुष के साथ उन विचारों के अनुरूप कृत्य करना । इससे उसका उत्पीडन हो सकता है और समस्याएं और बढेंगी । अन्य उदाहरण परिवार में कमानेवाले की आर्थिक हानि होना अथवा परिवार का किसी षडयंत्र में फंस जाना । इसलिए, शारीरिक समस्याओं अथवा मानसिक समस्याओं के माध्यम से अनिष्ट शक्तियां व्यक्ति के मानसिक संतुलन को अस्थिर कर इस प्रकार दुर्बलता निर्माण करती है ।

इसलिए, शारीरिक समस्याओं अथवा मानसिक समस्याओं के माध्यम से अनिष्ट शक्तियां व्यक्ति के मानसिक संतुलन को अस्थिर कर इस प्रकार दुर्बलता निर्माण करती है ।

चरण २ : प्रवेश बिंदु (किले में सेंध लगाना)

एक बार जब व्यक्ति की दुर्बलता दिख जाती है, अनिष्ट शक्ति अपना चाल चलती है । व्यक्ति की चेतना में प्रवेश करने के लिए अनिष्ट शक्तियों के लिए निम्नलिखित कुछ बिंदु अनुकूल होते हैं ।

possession-personality-defect

व्यक्तित्व

यदि आविष्ट व्यक्ति का व्यक्तित्व दृढ है, तब अनिष्ट शक्ति को उचित अवसर की प्रतीक्षा करनी होती है । उदाहरण के लिए अनिष्ट शक्ति एक अत्यधिक ईमानदार व्यक्ति को तभी आविष्ट कर सकती है, जब उसके मन में अल्पकालिक ही सही बेईमानी के विचार आएं ।यदि आविष्ट व्यक्ति का व्यक्तित्व दुर्बल है, तब अनिष्ट शक्ति उसे कभी भी आविष्ट कर सकती है । जब व्यक्ति इच्छाओं, उन्माद अथवा भावनात्मक स्थिति में होता है तब वह अत्यधिक दुर्बल हो जाता है । उस क्षण, विविध देहों अर्थात सूक्ष्म-देह तथा स्थूल-देह की एकरूपता तथा उस पर नियंत्रण घट जाता है । इस परिस्थिति में, कोई भी अनिष्ट शक्ति उस व्यक्ति पर नियंत्रण कर सकती है ।

How do people get possessed - Ghost can possess even during sleep

सूक्ष्म तथा भौतिक देहों के मध्य दुर्बल कडी 

जब व्यक्ति का स्थूल देह मनोदेह से विलग हो जाता है जैसे -स्वप्नावस्था, नैराश्यावस्था इत्यादि, तब अनिष्ट शक्तियों के लिए आविष्ट करना सरल हो जाता है । कुछ प्रसंगों में यह ध्यानावस्था में भी हो सकता है । केवल उच्च स्तरीय अनिष्ट शक्ति ही ध्यानावस्था में अलग हुए स्थूल देह तथा मनोदेह का लाभ उठा सकती है ।

 

Howdo people get possessed - Ghosts possess during fortnight

संधिकाल

यह देखा गया है कि, अनिष्ट शक्ति संधिकाल के समय में अधिक सक्रिय होती हैं, जैसे-दिन तथा रात्रि के मध्य संध्या के समय, चंद्रमा के दिखाई देने एवं छुपने के मध्य अमावस्या एवं पूर्णिमा के दिन, ग्रहणकाल , इत्यादि । इन कालावधि में लोगों के आविष्ट होने की सर्वाधिक संभावनाएं होती हैं । ऐसा होने के कारण का उल्लेख हम अलग लेख में करेंगे ।

 

How do people get possessed - Ghosts possess during midnight

समय

अनिष्ट शक्तियां मध्यरात्रि १२ बजे से उत्तररात्रि २ बजे तक सर्वाधिक सक्रिय रहती है । उस समय वातावरण में तम सर्वाधिक होता है । आध्यात्मिक शक्ति तथा काली शक्ति प्राप्त करने के लिए अनिष्ट शक्तियां इसी समय में साधना आरंभ करती है ।

 

 

चरण ३ : केंद्र / गढ बनान

काली शक्ति के माध्यम से अनिष्ट शक्ति व्यक्ति को आविष्ट करती है अथवा उस पर सरलता से नियंत्रण करती है । काली शक्ति आध्यात्मिक शक्ति का एक हानिकारक प्रकार है । अनिष्ट शक्ति व्यक्ति में अपना स्थान किसी माध्यम से स्थापित कर लेती है, जिसे केंद्र कहते हैं । यह अपनी काली शक्ति केंद्र में एकत्रित करती है । केंद्र के रूप में अनिष्ट शक्ति जो स्थान चुनती है, वह व्यक्ति की मुख्यतः एक दुर्बलता होती है ।

प्रायः अनिष्ट शक्ति सर्वप्रथम अपना केंद्र स्थूल देह में बनाती है, क्योंकि यह काली शक्ति को सरलता से अवशोषित कर लेती है । सामान्यतः यह शरीर का वह क्षेत्र होता है, जो रोग से तीव्र रूप से प्रभावित होता है, जहां रज-तम का एकत्रीकरण होने के फलस्वरूप रोग हो जाता है । उदाहरण के लिए, एक सूजा हुआ जोड, एक दमे से पीडित फेफडा, क्रोध का स्वभाव दोष इत्यादि, अनिष्ट शक्ति का भावी केंद्र बन जाता है ।

अनिष्ट शक्ति शारीरिक अथवा मानसिक दुर्बलता में काली शक्ति भर देती है और दृढता से इसे केंद्र के रूप में स्थापित करती है । एक पूर्ण केंद्र बनाने के लिए अनिष्ट शक्ति को कई वर्ष लग सकते हैं । वह केंद्र के माध्यम से काली शक्ति का उतरोत्तर संचारण शेष पूरे मन तथा बुद्धि में करती है ।

चरण ४ : नियंत्रण में लेना

आविष्ट करनेवाली अनिष्ट शक्ति (भूत, प्रेत, राक्षस, इत्यादि) आविष्ट व्यक्ति के स्थूल देह को अपने मनोदेह तथा कारण (बुद्धि) देह से ढंक देती है । परिणामतः आविष्ट व्यक्ति का मनोदेह तथा कारणदेह निष्क्रिय हो जाता है । तब व्यक्ति की चाल, बोली, विचार तथा व्यवहार अनिष्ट शक्ति के नए मनोदेह तथा कारणदेह के अनुसार होने प्रारंभ हो जाते हैं ।