जब हम अपने प्रयासोंको अनेक की अपेक्षा एक पर केंद्रित करते हैं, तब उनका प्रभाव अत्यधिक शक्तिशाली हो जाता है ।
इनमें से अधिक प्रभावकारी क्या है ?
- जलप्राप्ति के उद्देश्य से १० मीटर गहरा एक हीगड्ढा खोदना अथवा १ मीटर गहरे १० गड्ढे खोदना
- विभिन्न हवाई कंपनियों से अलग-अलग उडानें भर कर यात्रा करना अथवा किसी एक ही हवाई कंपनी के जहाज से यात्रा पूर्ण करना।
निम्नलिखित जानकारी इस विषय में है कि ईश्वर प्राप्ति के विभिन्न मार्गों के संदर्भ में यह सिद्धांत किस प्रकार कार्य करता है ।
कर्मयोग : प्रारंभिक अवस्था का साधक अनेक भिखारियों को भिक्षा देता है । अगले चरण में वह अपने प्रयास किसी एक उद्देश्य पर केंद्रित करता है जैसे किसी एक विद्यालय अथवा एक चिकित्सालय को दान देना ।
ज्ञानयोग : नवयुगीन तत्वज्ञान के विभिन्न आध्यात्मिक ग्रंथों से लेकर धार्मिक ग्रंथों को पढने के पश्चात एक साधक अंततः उस एक ग्रंथ की ओर मुड जाता है जिसमें सर्वाधिक आध्यात्मिक सत्य हो ।
भक्तियोग : अनेक देवताओं की पूजा से एक देवता की पूजा की ओर, अनेक तीर्थस्थानों से एक तीर्थस्थान की ओर एवं अनेक ग्रंथों से एक ग्रंथ के पठन की ओर प्रयास होने सेसाधक की प्रगति होने लगती है ।
नामसंकीर्तनयोग : इसमें साधक अनेक नामों के जप के स्थान पर एक नाम का जप करता है ।
गुरुकृपायोग : अनेक संतों के पास जाने के पश्चात, साधक अंततः केवल एक गुरु के पास जाता है । किसी भी योगमार्ग से साधना करते हुए, गुरु की कृपा के अभाव में, साधक की आध्यात्मिक उन्नति एक नियत स्तर से आगे नहीं हो पाती ।