रोग का निदान करते समय अनिष्ट शक्तियों द्वारा निर्माण की गयी बाधाएं

हमारे पाठकों को थोडी दिशा मिल सके, कि हमारे जीवन में शारीरिक व मानसिक स्तर की बाधाएं किन कारणों से उत्पन होती हैं; परन्तु इसका मूल कारण आध्यात्मिक होता है, एस.एस.आर.एफ. इसी उदेश्य से व्यक्ति पर शोध प्रकाशित करता है । जब किसी समस्या का मूल कारण आध्यात्मिक होता है तब ध्यान में आता है कि, इन्हें दूर करने के लिए आध्यात्मिक उपायों से सबसे अच्छे परिणाम मिलते हैं । एस.एस.आर.एफ. का मत है कि शरीरिक अथवा मानसिक बिमारियों को दूर करने के लिए साधारण चिकित्सिय उपचारों के साथ साथ आप आध्यात्मिक उपाय भी कर सकते हैं । हम पाठकों से अनुरोध करते हैं कि वे अपनी सूझ-बूझ (विवेक) के अनुसार ही आध्यात्मिक उपाय करें ।

यह अध्ययन एक ऐसे व्यक्ति पर किया गया है, जिसको चिकित्सिय जांच होने के उपरान्त भी बीमारी क्या है यह पता नहीं चला; परन्तु आध्यात्मिक उपाय से ज्ञात हुआ । प्रस्तुत विवरण में, मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया के, श्री. संदीप माधवन ने उल्लेख किया की – ‘२००१ में मैंने एस.एस.आर.एफ. मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया के निरिक्षण में साधना का आरम्भ किया था । उसी वर्ष मैं बहुत कमजोर (निर्बल) हो गया और मेरा वजन भी बहुत कम हो गया था । पांच महीने के अंतराल में मेरा वजन कम हो गया, और वैद्यकीय जाँच पडताल करने पर भी, जैसे एक्सरे इत्यादि, मुझे मेरी बीमारी का पता नहीं चल रहा था ।

मेरी बीमारी के दूसरे अथवा चौथे महीने में मेरी छाती का एक्सरे लिया गया । जब बीमार हुए पांचवा महीना चल रहा था, तब एक एस.एस.आर.एफ. का साधक मुझे मिलने आया । वह मुझे देख कर इतना आश्चर्यचकित था की मेरा वजन इतना कम कैसे हो गया और मैं इतना कमजोर कैसे हो गया । यहां तक की बीमारी में क्या दवाएं लेनी हे वो भी अभी तक पता नहीं । उसे यह संदेह हुआ की अवश्य ही मेरी बीमारी का कारण आध्यात्मिक है । जब उसने इसका उल्लेख एस.एस.आर.एफ. के सूक्ष्म विभाग से किया तब उन्होंने कहा की यह अनिष्ट शक्तियों की पीडा के कारण है । इसके लिए मुझे एक विशेष मंत्रजाप करना होगा और वो है – ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ ।

मैंने तुरंत ही इसका अभ्यास करना शुरू किया । थोडे ही दिनों के बाद में मैं अपनी छाती का एक्सरे करवाने गया ।  इस बार प्रत्यक्ष में दिखाई दिया की मुझे टी बी  है ।  अब कम से कम इतना तो मैं आश्वस्थ था, की कुछ निदान तो मिला ।  जो डॉक्टर मुझे देख रहे थे वह आश्चर्यचकित थे ,की यह पहले ही हमें एक्सरे में दिखाई क्यों नहीं दिया ।
नियमित रूप से आध्यात्मिक साधना करने से आध्यात्मिक उपायों के प्रयोग से हमें इस प्रकार की अडचनों से छुटकारा व निजात मिल सकता है ।

एस.एस.आर.एफ. द्वारा टिप्पणी :

  • टी. बी. एक ऐसा रोग है जो छाती के एक्स-रे के माध्यम से अत्यंत सरलता से ज्ञात होता है ।
  • कभी अनिष्टकारी शक्तियां रोग के निदान में बाधा डालती हैं जिसके कारण रोग बढने की सम्भावनाएं बढ जाती हैं ।
  • प्रकार की बाधाओं से रक्षा हेतु नियमित साधना तथा आध्यात्मिक उपायों का योग्य प्रयोग लाभकारी सिद्ध होता है ।