सुरक्षा प्रदान करनेवाला श्री गुरुदेव दत्त का नामजप ईश्वर के एक रूप अर्थात भगवान दत्तात्रेय का प्रतिनिधित्व करता है । ब्रह्मांड में भगवान दत्तात्रेय के कार्यों में से एक है, पूर्वजों के सूक्ष्म देह से उत्पन्न कष्टों को दूर करना । ईश्वर अपनी उद्देश्य पूर्ति उत्पत्ति, स्थिति एवं लय के तीन मुख्य सिद्धांत द्वारा करते हैं । भगवान दत्तात्रेय, यह सामर्थ्य ईश्वर के इन तीन सिद्धांतों अर्थात उत्पत्ति १०%, स्थिति ८०%, ऒर लय १०% से प्राप्त करते हैं । उनकी प्रकट शक्ति १०% है जबकि अप्रकट शक्ति ९०% है ।
हम इस अवधारणा से अनभिज्ञ हैं कि हमारे मृत पूर्वज हमारे जीवन में समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं । तब भी विभिन्न संस्कृतियों एवं धर्मों के लोगों ने श्री गुरुदेव दत्त, इस पवित्र नाम का जप कर अपने जीवन में सुधार का अनुभव किया है । ( इस जप का श्रव्य-अभिलेखन (audio recording) सुनने के लिए क्लिक करें)