चादर को विचित्र रूप से फाडा अथवा काटा जाना – प्रकरण अध्ययन

टिप्पणी : इस प्रकरण अध्ययन की पृष्ठभूमि समझने के लिए और ऐसी घटनाएं विशेष रूप से SSRF के संबंध में क्यों हो रही हैं,  कृपया पढें – भयभीत करनेवाली असाधारण घटनाओं का परिचय

प्रस्तावना

यह प्रकरण अध्ययन गोवा की श्रीमती मीनाक्षी इचलकरंजीकर द्वारा उपयोग किए जानेवाले चादर में अपनेआप आकस्मिक रूप से उभरे कटने तथा फटने के चिन्ह के संदर्भ में है । वे तथा उनकी बहु श्रीमती सावित्री इचलकरंजीकर दोनों इस घटना के साक्षी रहे । ये दोनों साधिकाएं SSRF के मार्गदर्शन में साधना करती हैं ।

२. आक्रमण की अनुभूति

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श्रीमती मीनाक्षी इचलकरंजीकर के ही शब्दों में घटना का विवरण आगे दिया गया है :

‘‘१६ दिसंबर २००८ को रात्रि लगभग ९.२५ बजे जब मेरी बहु श्रीमती सावित्री इचलकरंजीकर मेरे सोने हेतु बिछावन ठीक कर रही थी, तब उसने देखा कि चादर पर आकस्मिक रूप से कटने जैसे चिन्ह थे, जैसे किसी ने कैंची से काट दिया हो । इन कटने के चिन्हों के होने का कोर्इ भी स्पष्ट कारण नहीं था । हम दोनों अत्यंत चकित थे ।’’

चादर पर कटने के चिन्हों से विस्मित तथा दुविधापूर्ण स्थिति के उपरांत श्रीमती इचलकरंजीकर को इस घटना के एक दिन पूर्व की अपनी शारीरिक तथा मानसिक अवस्था का स्मरण हो आया ।

‘‘ मैं बवासीर से पीडित हूं । उस दिन मेरा पेट ठीक से साफ हुआ था । तब भी अकस्मात ही, मुझे अपने मलद्वार (एनस) तथा उसके आसपास के भाग में अत्यधिक उष्णता अनुभव हुर्इ । जब भी मैं गीले रुर्इ का टुकडा अथवा भींगा कपडा रखती वह त्वरित ही सूख जा रहा था । मुझे अत्यधिक जलन होने लगी । मैंने आध्यात्मिक उपचार हेतु SSRF निर्मित अगरबत्ती जलार्इ । जब मैंने वह अगरबत्ती कमर के भाग के निकट ले गर्इ और पवित्र विभूतिमिश्रित तेल उस पूरे भाग में लगाया, तब धीरे-धीरे जलन घटती गर्इ । मुझे १ से २ घंटे तक कष्ट होता रहा । और इसके उपरांत मुझे अत्यधिक थकान अनुभव हुर्इ ।’’

आध्यात्मिक शोध दल की टिप्पणी :
अनिष्ट शक्तियों द्वारा सूक्ष्म आक्रमण किए जाने से पूर्व अथवा उपरांत साधकों को प्रायः कष्ट अनुभव होते हैं :

  • शारीरिक स्तर पर,व्यक्ति को असामान्य रूप से थकान, शरीर में वेदना होना, ऊर्जास्तर में गिरावट, इत्यादि अनुभव हो सकते हैं ।मानसिक स्तर पर,
  • व्यक्ति को अस्पष्ट कारणों से चिडचिडाहट में वृद्धि होना, स्पष्टता से विचार न कर पाना, नकारात्मक विचार आना, निराशा, इत्यादि अनुभव हो सकते हैं ।

३. आक्रमण के साक्षीदार का अनुभव

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श्रीमती सावित्री इचलकरंजीकर ने आगे बताया :
‘‘यद्यपि चादर को देखने पर मुझे कोर्इ असुविधा अथवा कष्ट अनुभव नहीं हुआ । तथापि कुछ समय के उपरांत मेरे सोचने में स्पष्टता नहीं रही और मुझे कुछ नहीं सूझ रहा था । यह स्थिति पूरी रात बनी रही । सवेरे मेरी प्राणशक्ति अत्यधिक घट गर्इ । मुझे लगा जैसे मेरी सारी शक्ति किसी ने खींच ली है ।’’

४. सूक्ष्म विश्लेषण

जब कु. कविता राठीवडेकर (छठवीं इंद्रिय से युक्त SSRF के सूक्ष्म विभाग की एक साधिका) ने चादर का सूक्ष्म-परीक्षण किया तब उन्हें बोध हुआ कि यह सूक्ष्म स्तरीय-मांत्रिक द्वारा किया गया एक आक्रमण था ।

कर्इ बार अनिष्ट शक्तियां हमारी दुर्बलताओं का अपलाभ उठाकर हम पर सरलता से आक्रमण करती है । तब हमें ज्ञात हुआ कि इसी कारण से श्रीमती इचलकरंजीकर को शारीरिक कष्ट अनुभूत हुए तथा उनकी बहु श्रीमती सावित्री को मानसिक कष्ट हुए ।

वास्तव में यहां यह स्थिति नहीं थी । यद्यपि श्रीमती इचलकरंजीकर को जो उष्णता तथा जलन अनुभव हुई, तथापि आक्रमण करनेवाली अनिष्ट शक्ति चादर के फाडने के अपने आक्रमण को उन्हें बताना चाहता था I

श्रीमती सावित्री को हुए मानसिक कष्ट सूक्ष्म युद्ध का प्रभाव था । जब अनिष्ट शक्ति ने उनकी सास पर आक्रमण किया, तब आक्रमण करनेवाली अनिष्ट शक्ति से प्रक्षेपित काली शक्ति तथा श्रीमती इचलकरंजीकर द्वारा किए गए आध्यात्मिक उपचार में विद्यमान चैतन्य के मध्य सूक्ष्म युद्ध हुआ । यद्यपि श्रीमती सावित्री इस सूक्ष्म युद्ध में प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित नहीं थीं तथापि उनके उपस्थित रहने तथा साक्षीदार बनने के कारण उन्हें कष्ट हुए ।