आध्यात्मिक भावना (भाव) की जागृति

Case Studies

  • भाव किसमें जागृत होता है ?

    जैसा कि हम इस शृंखला के पिछले लेखों में देख चुके हैं, भाव वह अवस्था है जिसमें सर्वत्र ईश्वर का अस्तित्त्व अनुभव होता है । इसमें स्वयं में, दूसरों में, साथ ही संपूर्ण ब्रह्मांड की सभी सजीव और निर्जीव वस्तुओं में भी ईश्वर के दर्शन करना सम्मिलित है । हालांकि कुछ लोग बुद्धि के स्तर … भाव किसमें जागृत होता है ? को पढ़ना जारी रखें

  • भाव के प्रकार एवं भाव के लक्षण

    १.  भाव के प्रकार भाव के दो प्रकार होते हैं, प्रकट और अप्रकट ।  जब भाव कुछ लक्षणों द्वारा प्रकट होता है, तब उसे प्रकट भाव कहा जाता है । आगे के अनुच्छेदों में हम विभिन्न प्रकार के प्रकट भावों का वर्णन किस्तारपूर्वक करेंगे । अप्रकट भाव का अर्थ है भाव का होना; परंतु किसी … भाव के प्रकार एवं भाव के लक्षण को पढ़ना जारी रखें

  • भाव एवं भावना में अंतर

    भाव क्या होता है ? इस लेख में हमने भाव के विषय में जानकारी दी है । इस लेख में हम यह देखेंगे कि साधारण भावनाएं और भाव, इनमें क्या अंतर है । १. भावनाएं क्या होती हैं ? हममें से सभी ने स्वयं में और दूसरों में भावनाओं को अनुभव किया है । भावनाएं … भाव एवं भावना में अंतर को पढ़ना जारी रखें

  • भाव क्या है ?

    अपने दैनिक जीवन में, प्रत्येक कार्य करते हुए हमें अपने अस्तित्व का भान रहता है क्योंकि यह हमारे भीतर गहराई से समाया हुआ है । हमारे अस्तित्व का यह भान पंचज्ञानेंद्रिय, मन एवं बुद्धि के कारण होता है । अत: सभी घटनाएं अथवा अनुभव इस भान के अनुसार ही होते हैं । आध्यात्मिक परिभाषा में हम … भाव क्या है ? को पढ़ना जारी रखें