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१. प्रस्तावना :

प्राय: हमारे पाठक बार-बार सपने में मृत संबंधियों को देखने का अर्थ पूछते हैं । उनमें से कुछ, मृत संबंधियों के सपने में आने का स्वागत करते हैं किंतु अन्य इससे भयभीत होते हैं । पाठकों के प्रश्न कुछ इस प्रकार के होते हैं – क्या मेरे पिता को मरणोपरांत गति मिली है ? क्या वे स्वर्ग में हैं ? वे सपने में आकर हमें क्या बताना चाहते हैं, आदि । आध्यात्मिक शोध के माध्यम से, इस लेख में हम इसी विषय के मनोवैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालेंगे ।

संदर्भ : कृपया पढें –  आध्यात्मिक शोध क्या है ?

२. परिवार के मृत सदस्य सपने में दिखार्इ देने के क्या कारण हैं ?

आध्यात्मिक शोध से हमें ज्ञात हुआ है कि परिवार के मृत सदस्य मनोवैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक कारणों से सपने में दिखार्इ देते हैं । इनमें से ३० प्रतिशत घटनाएं मनोवैज्ञानिक कारणों से एवं ७० प्रतिशत घटनाएं आध्यात्मिक कारणों से होती हैं ।

मनोवैज्ञानिक कारण, जैसे – अपराध बोध अथवा मृत प्रिय व्यक्ति के साथ, उसकी मृत्य के पूर्व समय व्यतीत न कर पाना अथवा दिवंगत पारिवारिक सदस्य के संबंध में कोई चिंता । इस समय सपने में जो छवियां दिखार्इ देती हैं, वे अंतर्मन से उभरती हैं ।

आध्यात्मिक कारण सामान्यत: दो स्तरके होते हैं, पहला – मृतात्मा का सूक्ष्म शरीर पारिवारिक सदस्यों से मरणोपरांत कोई सहायता पाने के लिए भूलोक में स्थित अपने वंशज से संपर्क करना चाहता है । दूसरा कारण यह हो सकता है कि वह अपने ही पारिवारिक सदस्य से कोई प्रतिशोध लेना चाहता है ।

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आध्यात्मिक शोध से हमें ज्ञात हुआ है कि, (आध्यात्मिक कारणों से संबंधित) लगभग ७० प्रतिशत घटनाओं में सूक्ष्म शरीर मरणोपरांत सहायता की अपेक्षा करता है जबकि ३० प्रतिशत घटनाओं में वह प्रतिशोध लेना अथवा भूलोक स्थित वंशज को कष्ट पंहुचाना चाहता है ।

यदि एक ही सपना न्यूनतम तीन बार आए, तो उसे आध्यात्मिक समझा जा सकता है । परिवार के मृत सदस्य सामान्यत: ऐसे सदस्यों से संपर्क करने का प्रयत्न करते हैं, जिनसे उन्हें अपेक्षा होती है कि वे उनके लिए कुछ करेंगे । इसका कारण है कि दिवंगत सूक्ष्म शरीरधारी पूर्वजों को सपने में संपर्क करना अपेक्षाकृत सरल होता है, क्योंकि जीवित व्यक्ति जागृत अवस्था में अपनी पंचज्ञानेंद्रियों के अधीन रहता है और वह एकाग्र नहीं होता । सपने तथा नींद में मन सूक्ष्म संदेश स्वीकार करने में अधिक सक्षम होता है ।

आध्यात्मिक शोध के माध्यम से हमें ज्ञात हुआ है कि प्राय: जिनकी मृत्यु अकस्मात अथवा दुर्घटना में होती है, वे स्वाभाविक अथवा दीर्घकालीन रोगों से मृत व्यक्तियों की तुलना में अधिक सपने में आते हैं । क्योंकि जिसकी मृत्यु प्राकृतिकरूप से होती है, वह मानसिक रूप से तैयार रहता है, अत: उनके लिए मृत्यु उपरांत स्थिति स्वीकारना सरल होता है ।

मात्र १०% घटनाओं में अनिष्ट शक्तियां सपने में पूर्वजों का रूप धारण करती पाई गईं हैं ।

३. यदि आकस्मिक मृत्यु प्राप्त कोर्इ घनिष्ठ मित्र सपने में आए, तो क्या होता है ?

यह आवश्यक नहीं है कि सपने में दिवंगत पारिवारिक सदस्य ही आएं । कभी कभी मृत घनिष्ठ मित्र भी सपने में आते हैं । विशेषत: सहायता मांगने के लिए, क्योंकि वे उस व्यक्ति को अपने पारिवारिक व्यक्ति की अपेक्षा अधिक निकट पाते हैं । इस विषय पर SSRF के एक सदस्य की निम्नलिखित अनुभूति अधिक प्रकाश डालेगी ।

कुछ समय पूर्व में मेरे मित्र एंड्र्यू (छद्म नाम) मुझे SSRF शोध केंद्र में आकर मिले और बताया कि वे किस प्रकार अपने एक घनिष्ठ मित्र के सपनों से त्रस्त हैं, जिसकी एक भयानक दुर्घटना में मृत्यु हो चुकी थी । जब वे विश्वविद्यालय में थे, तब एक बार वे अपने एक मित्र के साथ सैर-सपाटा करने नहीं जा सके क्योंकि उस समय वे एक प्रतियोगिता में भाग ले रहे थे, जिसके लिए उसके मित्र ने उसे प्रशिक्षित किया था । उस सैर-सपाटे के समय पानी में डूबने से उसके मित्र की मृत्यु हो गई ।

एंड्र्यू पश्चाताप एवं अपराधबोध से ग्रस्त था; क्योंकि उस समय वह अपने मित्र के साथ नहीं था, अन्यथा वह उसका जीवन बचाने में उसकी सहायता करता । उसमें मित्र के अंतिम संस्कार में जाने की भी हिम्मत नहीं थी । अंतिम संस्कार के उपरांत शीघ्र ही एंड्र्यू का मृत मित्र उसके सपने में आने लगा । प्रत्येक बार वही सपना रहता एवं थोडे-थोडे दिनों में उसकी पुनरावृत्ति होती । एंड्र्यू सपने के कारण अत्यंत भयभीत था किंतु उसने किसी से भी इस विषय में सहायता नहीं मांगी ।

कई वर्षों तक कष्ट सहन करने के उपरांत उसने सपने में अपने मित्र से कहा, देखो मुझे दु:ख है कि मैं उस समय तुम्हारी सहायता के लिए वहां नहीं था । मैं भूतकाल को बदल नहीं सकता किंतु ऐसे हर दूसरे दिन तुम्हें सपने में भी नहीं देखना चाहता, इसलिए तुम को मेरे साथ जो भी करना है करो …आवश्यक हो तो …तुम मुझे मार डालो, मुझे इसकी कोई चिंता नहीं । अगले दिन से वह कभी भी उसके सपने में नहीं आया । एंड्र्यू ने सोचा सपने में मृत मित्र के सामने अपना पक्ष रखना सर्वथा योग्य था, फिर भी आध्यात्मिक दृष्टि से मृत मित्र यह चाहता था कि, उसके सब से घनिष्ठ मित्र एंड्र्यू से किसी प्रकार की आध्यात्मिक सहायता मिले । मात्र जब सूक्ष्म-शरीरधारी को यह विदित हुआ कि एंड्र्यू कभी नहीं समझ सकता कि उसे क्या चाहिए, वह उसके पास पुन: कभी नहीं आया ।

वास्तव में एंड्र्यू को ऐसी विधि का आयोजन करना चहिए था, जिससे दिवंगत मित्र की योग्य सहायता होती ।

 ४. सपने में आनेवाले किसी प्रियजन अथवा पारिवारिक दिवंगत सदस्य की आध्यात्मिक स्तर पर सहायता करने के लिए हम क्या कर सकते हैं ?

  • श्री गुरुदेव दत्त का नामजप बहुत सशक्त साधन है, जो मृत पूर्वजों के कारण उत्पन्न समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है ।
  •  SSRF का सुझाव है कि मृत पूर्वजों अथवा पारिवारिक सदस्यों के कारण उत्पन्न अधिक तीव्र समस्याओं के निवारण के लिए श्री गुरुदेव दत्त के नामजप के साथ, विशिष्ट विधियां जैसे नारायण नागबली (पूर्वजों के लिए), त्रिपिंडी श्राद्ध आदि करें
  • विधि करनेवाले पुरोहित के आध्यात्मिक स्तर/क्षमता एवं मंत्रादि के आधार पर ही विधि की परिणामकारकता तथा मृतक की मरणोपरांत सहायता करने में उसकी भूमिका निश्चित होती है । जिन विधियों में केवल प्रार्थनाएं होतीं हैं, वे मनोवैज्ञानिक स्तर पर अधिक कार्य करतीं हैं एवं उनका प्रभाव उन विधियों से अल्प होता है जिनमें विशिष्ट मंत्रोच्चार किया जाता है ।

केस अध्ययन

Shourya-thumb पेशे से वास्तुकार श्रीमती शौर्या मेहता को पिछले १० वर्षों से उनकी दिवंगत बहन के स्वप्न आते थे कि वो पीड़ा में है । जब उन्होंने एक विशिष्ट धार्मिक कृत्य किया तब यह स्वप्न आने बंद हुए ।