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१. व्यसनमुक्ति के लिए प्रयुक्त आध्यात्मिक उपचारों के सिद्धांत

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अध्यात्मशास्त्र के अनुसार संपूर्ण विश्‍व तीन सूक्ष्म-स्तरीय मूलभूत घटकों से (त्रिगुणों से) – सत्त्व, रज, तम से निर्मित है । सत्तवगुण आध्यात्मिक शुद्धता तथा ज्ञान का प्रतीक है;जबकि रजोगुण भावना एवं कार्यशीलता का और तमोगुण अज्ञान एवं जडता का प्रतीक है । किसी भी वस्तु से प्रक्षेपित होनेवाले सूक्ष्म-स्पंदन मुख्य रूप से उस वस्तु में विद्यमान त्रिगुणों पर निर्भर करते हैं । सत्त्व का अर्थ,  त्रिगुण क्या होते हैं ? इस लेख में हमने विस्तारपूर्वक समझाया है ।

साधना के छः मूलभूत सिद्धांतों के अनुसार की गई साधना ही सत्त्वगुण बढाने का एकमात्र निश्‍चित मार्ग है । साधना नियमितरूप से करना तथा उसमें गुणात्मक एवं संख्यात्मक वृद्धि करना आवश्यक है । ऐसा करने से व्यक्ति का आध्यात्मिक स्तर और सत्त्वगुण बढता है । जो साधना छः मूलभूत सिद्धांतों के अनुसार नहीं होती, उसका व्यक्ति की सात्त्विकता तथा आध्यात्मिक विकास पर सीमित रूप में अथवा कुछ भी प्रभाव नहीं पडता । अनिष्ट शक्तियों अथवा मृत पूर्वजों के आक्रमणों का एकमात्र और चिरस्थायी उपाय है – साधना

आध्यात्मिक उपचारों से अल्पकालिक लाभ होता है । इससे हमारी साधना प्राथमिकता से आध्यात्मिक विकास के लिए उपयोग में लाई जाती है और व्यसन दूर करने के लिए व्यय नहीं होती । परिणामस्वरूप व्यक्ति के जीवन पर पवित्र प्रभाव पडता है ।

साधना के साथ जीवन के प्रत्येक अंग का शारीरिक, मानसिक तथा बौद्धिक स्तर पर अध्यात्मीकरण करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं । निम्न आकृति दर्शाती है कि हम किन घटकों से बने हैं और प्रत्येक घटक की शुद्धि के लिए हमें क्या करना पडेगा ।

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२. व्यसनमुक्ति के लिए तीन चरणों का आध्यात्मिक उपचार कार्यक्रम

व्यसन के मूल कारण हैं – अनिष्ट शक्तियां अथवा पूर्वज । इसलिए दो व्यसनी व्यक्तियों में आध्यात्मिक स्तर पर समानता नहीं होती । परिणामस्वरूप सभी के लिए एक ही उपचार करना संभव नहीं होता ।

ऐसा होते हुए भी व्यसन पर नियंत्रण पाने हेतु हमने तीन चरणों का आध्यात्मिक उपचार कार्यक्रम यहां दिया है ।

टिप्पणी : व्यसनमुक्ति के लिए नीचे दिए तीन चरणों का आध्यात्मिक उपचार कायक्रम साधना पर आधारित हैं । इससे मिलनेवाले परिणाम अधिक लाभदायक होने के साथ ही दीर्घकाल तक बने रहते हैं ।

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टिप्पणी :

  • उपचारों के आरंभ में ही जिस पदार्थ का व्यसन है, उस पदार्थ का सेवन अथवा वह कृत्य बंद करना अनिवार्य नहीं है ।
  • तथापि नामजप में निरंतरता होना आवश्यक है और वह कहीं भी और कभी भी किया जा सकता है ।
  • उपचार के पहले दिन नामजप की कालावधि कुछ मिनटों तक ही हो सकती है । तीन चरणों का उपचार कार्यक्रम के अनुसार इस कालावधि में आनेवाले दिनों में निरंतर और धीर-धीरे अपनी क्षमतानुसार वृद्धि करते हुए हमें न्यूनतम उद्देश्य तक पहुंचना है ।ध्यान रहे कि हम जितना अधिक नामजप करेंगे :
    • अधिक शक्तिशाली सुरक्षाकवच प्राप्त होगा

    • व्यसन छोडने के प्रयास में होनेवाले कष्ट की मात्रा न्यून होगी, और

    • व्यसन के बंधन से शीघ्र मुक्त होना संभव होगा
  • एक बार आप तीनों चरणों को प्रतिदिन करने में निरंतरता रखते हैं तो आप मादक पदार्थों का सेवन तेजी से घटा सकते हैं ।
  • चिकित्सक अथवा मनोवैज्ञानिक द्वारा किए जा रहे उपचारों के साथ आध्यात्मिक उपचार भी किए जा सकते हैं । इसके लिए चिकित्सकीय उपचार बंद करने की आवश्यकता नहीं हैं ।
  • आध्यात्मिक उपचारों का एक महत्त्वपूर्ण लाभ यह है कि व्यसन छोडते समय होनेवाले कष्ट की मात्रा अल्प होती है । इन कष्टों में ५०%कष्ट अनिष्ट शक्ति के कारण होते हैं, जबकि शेष ५०%कष्ट शरीर में मादक पदार्थ की आपूर्ति न होने से होते हैं । साधना करने से व्यसनी मनुष्य अनिष्ट शक्तियों के कारण होनेवाले कष्ट पर ५०%तक दूर कर सकता है । शेष ५०%कष्ट सहनेयोग्य हो जाते हैं, अर्थात व्यक्ति उसे शारीरिक स्तर पर सहन कर पाता है । साधना के कारण व्यक्ति की सात्त्विकता में हुई वृद्धि से उसके सहने की क्षमता भी बढती है ।

आध्यात्मिक उपचारों के साथ प्रार्थना भी करते रहें । ये प्रार्थनाएं इस प्रकार की हो सकती हैं :

  • हे ईश्वर, साधना आरंभ करने हेतु मेरे बुद्धि का निश्‍चय हो इसलिए आप मुझ पर कृपा कीजिए ।
  • हे ईश्वर, मेरी साधना आरंभ हो और निरंतर होती रहे इस हेतु आप मुझे आत्मबल प्रदान कीजिए ।
  • हे ईश्वर, नामजप और प्रार्थना का निरंतर स्मरण रहने हेतु आप मुझ पर कृपा करें ।
  • हे ईश्वर, …… (व्यसन का नाम) से दूर रहने हेतु आत्मबल प्रदान करने की कृपा कीजिए ।
  • हे ईश्वर, कष्ट देनेवाली अनिष्ट शक्ति अथवा पूर्वज के लिंगदेह की व्यसन की वासनाओं को आप नष्ट कीजिए ।
  • हे ईश्वर, व्यसन लगाने हेतु मेरे शरीर में अनिष्ट शक्तिओंद्वारा निर्मित काली शक्ति के केंद्र आप नष्ट कीजिए ।
  • हे ईश्वर, अनिष्ट शक्ति / पूर्वजों की काली शक्ति के आक्रमणों से रक्षा होने हेतु मेरे सर्व ओर आपके चैतन्य का सुरक्षाकवच बना रहने दीजिए ।

इन सभी के साथ सात्त्विक जीवनशैली अपनाने से भी सहायता मिलती है ।

हमारा सुझाव है कि ये आध्यात्मिक उपचार जीवन भर किए जाएं, इससे भविष्य में अनिष्ट शक्तियों द्वारा होनेवाले आक्रमणों से बचा जा सकता है ।

३. व्यसनमुक्ति लिए प्रयुक्त तीन चरणों के आध्यात्मिक उपचार कैसे कार्य करते हैं ?

व्यसन से मुक्ति के लिए नियमितरूप से तीन चरणों के आध्यात्मिक उपचार करने से हममें सत्त्वगुण की मात्रा बढती है । परिणामस्वरूप हमारी आत्मशक्ति बढती है और आध्यात्मिक सुरक्षातंत्र बलवान होता है । रज-तम प्रधान अनिष्ट शक्ति अथवा मृत पूर्वज इसे सह नहीं पाते अतएव उनके लिए व्यक्ति को छोडना अनिवार्य हो जाता है । जब यह प्रक्रिया होती है, तब व्यक्ति के लिए व्यसन छोडना संभव हो पाता है तथा वह सामान्य और आनंदमय जीवन जीने लगता है ।

४. व्यनमुक्ति के लिए किए जानेवाले आध्यात्मिक उपचार सफल होने के लिए आवश्यक महत्त्वपूर्ण घटक

  • आध्यात्मिक उपचारों के तीनों चरणों पर कार्यवाही करने में निरंतरता ।
  • व्यसन से मुक्ति पाने की तीव्र लगन हो, तो इच्छाशक्ति को बल मिलता है । अन्य विविध घटक – छः मूलभूत सिद्धांतों के अनुसार साधना के वातावरण में रहना, पारिवारिक आधार एवं बंधन, सामाजिक आधार एवं बंधन आदि से भी व्यसन छोडने की इच्छाशक्ति को बल मिलता है । पुनर्वास की प्रक्रिया में गति लाने के लिए इच्छाशक्ति, एक महत्त्वपूर्ण घटक है । यदि किसी का निश्चय / संकल्प आवेशित करनेवाली अनिष्ट शक्ति से अधिक बलवान होगा, तो वह केवल इच्छाशक्ति के बल पर ही व्यसन छोड सकता है । इसीलिए जब स्त्री को यह पता चलता है कि वह गर्भवती है, तो मातृत्व की इच्छा ही उसकी अपनी इच्छाशक्ति को ऊंचे स्तरतक ले जाती है ।
  • उपचार की प्रक्रिया में ईश्वर के प्रति श्रद्धा और साधना सहायक होती है ।

५. पूर्ण व्यसनमुक्ति के लिए आवश्यक कालावधि

  • तीन चरणों के आध्यात्मिक उपचार कठोरता से करने से व्यसनपूर्ण आचरण से कुछ सप्ताहों से लेकर कुछ माहों में मुक्ति पाना संभव है ।
  • आवेशित अनिष्ट शक्ति का बल अधिक होने से कुछ व्यक्तियों को मनःपूर्वक (प्रमाणिकता से) उपचार करने पर भी व्यसन छूटने में लंबा समय लग सकता है ।
  • व्यसन से प्राप्त सुख अनिष्ट शक्ति के साथ उस व्यक्ति को भी मिल रहा हो, तो इस पर भी कालावधि निर्भर करती है । यदि यह आनंद केवल अनिष्ट शक्ति को ही मिल रहा हो, तो व्यक्ति को साधना आरंभ करने पर व्यसन छोडने में अधिक कष्ट नहीं होते । पदार्थ का आकर्षण केवल अनिष्ट शक्ति को ही होगा, तो आध्यात्मिक उपचारों से व्यक्ति पूर्णतः मुक्त हो सकता है ।

६. व्यसनमुक्ति के लिए पारंपारिक उपचार पद्धतियों की तुलना में आध्यात्मिक उपचार करने के लाभ

  • न्यूनतम व्यय : अन्य बहुव्ययी उपचार पद्धतियों की तुलना में यहां समय और नियमितता को छोडकर व्यय अत्यन्त मर्यादित है -उदा. खडा नमक । खडा नमक उपलब्ध न होने पर साधारण (खाने का /आयोडाइज्ड) नमक का भी उपयोग कर सकते है । परंतु इससे उपचारों की परिणामकारकता ३०%तक न्यून होती है । (देखें लेख – नमक-पानी के उपाय)
  • व्यसन छोडते समय न्यूनतम कष्ट होना : प्रायः यह देखा गया है कि जो लोग साधना करते हैं, वे गंभीर व्यसन भी सहजता से (बिना किसी कष्ट के) छोड सकते हैं । साधना से वे व्यसन को सह नहीं पाते और बिना किसी दुष्परिणामों के उसे तुरंत छोड देते हैं ।
  • कुल स्थिति में सुधार आना : साधना आरंभ करने पर व्यक्ति केवल व्यसन पर ही विजय प्राप्त नहीं करता, अपितु उसके कुल जीवन में ही सकारात्मक सुधार आने लगते हैं । साधना के कुछ लाभ नीचे दिए हैं :

७. बिना किसी दृश्य कारण से व्यसन से अचानक मुक्ति मिलने की घटनाएं

  • कुछ घटनाओं में देखा जाता है कि बिना किसी दृश्य कारण अथवा प्रयत्नों के व्यसन अकस्मात छूट जाता है । आध्यात्मिक स्तर पर इसका स्पष्टीकरण इस प्रकार है :
  • व्यसन के माध्यम से जो प्रारब्ध व्यक्ति को भुगतना था, उसका समाप्त हो जाना ।
  • व्यसनी व्यक्ति का विशिष्ट अनिष्ट शक्ति (भूत.प्रेत, पिशाच इ.) तथा पूर्वज के लिंगदेह के साथ लेन-देन पूर्ण होना ।
  • लिंगदेह को अपनी वासनाएं पूरी करने के लिए वर्तमान व्यक्ति की देह से भी अच्छी देह मिलना
  • वासना के कारण आगे की गति न मिलने का, लिंगदेह का प्रारब्ध समाप्त होना और उसे आगे की गति मिलना

८. सारांश और इस शोध से हमें क्या करना है

  • व्यसन पर किए आध्यात्मिक शोध से ज्ञात होता है कि प्रायः व्यसन का मूल कारण आध्यात्मिक आयाम में होता है ।
  • आध्यात्मिक आयाम को ध्यान में लिए बिना जो लोग व्यसनमुक्ति के लिए प्रयास करते हैं, उन्हें सीमित सफलता मिलती है ।
  • आपके परिचित किसी व्यक्ति को व्यसन से छुटकारा पाने के लिए सहायता की आवश्यकता है, उसे यह लेख ई-मेल करें ।
  • हमने यहां पर उपचार की एक निश्‍चित दिशा और कार्यपद्धति दिखाई है । व्यसनमुक्ति के लिए प्रयास करनेवाली संस्थाओं तथा पुनर्वास केंद्रों से हमारा अनुरोध है कि आप अपने उपचारों के साथ यहां पर बताए आध्यात्मिक उपचार भी अवश्य करें ।
  • यदि इस लेख में बताए उपचारों से आपको अथवा अन्य किसी को व्यसनमुक्ति में लाभ हुआ हो, तो कृपया हमें सूचित करें । आपके अनुभव से अन्यों को साधना करने की प्रेरणा मिलेगी और वे अपने जीवन की इस प्रकार की समस्याओं को दूर कर पाएंगे ।