हम अपने भीतर छिपी अनिष्ट शक्ति (राक्षस, भूत, पिशाच इत्यादि)को कैसे पहचान सकते हैं ?

कोई व्यक्ति अनिष्ट शक्ति से आविष्ट अथवा प्रभावित है अथवा नहीं, यह समझना अत्यंत कठिन है । स्पष्ट संकेत दिखाई देने पर भी जबतक व्यक्ति को छठवीं इंद्रिय के साथ भूतावेश की आधारभूत समझ नहीं होगी, वह कभी नहीं समझ सकेगा कि यह भूतावेश है ।

हमने एक ऐसे व्यक्ति के प्रकरण की जांच-पडताल की, जो रात में अपनी पत्नी को अपशब्द बोलता है तथा मद्यपान के प्रभाव से अलग ही व्यक्ति बन जाता है । सवेरे उसका व्यवहार पुनः सामान्य हो जाता है और वह बार-बार क्षमा मांगता है अथवा पिछली रात्रि उसने क्या किया, इसका उसे स्मरण ही नहीं रहता । यह पूर्णतः अनिष्ट शक्ति का प्रकटीकरण है । बात बस यह है कि व्यक्तियों अथवा परिवारों को यह शिक्षा नहीं दी जाती कि वे यह समझ सकें यह आचरण भूतावेश से संबंधित है ।

इसलिए भूतावेश इस विषय की आधारभूत समझ तथा उसकी जानकारी, उसके क्या लक्षण हैं इत्यादि से बौद्धिक स्तर पर यह समझने में सहायता मिलती है कि व्यक्ति आविष्ट है अथवा नहीं । तथापि यदि अनिष्ट शक्ति व्यक्ति की चेतना को ५० प्रतिशत से अधिक नियंत्रित कर ले, तो उसकी उपस्थिति का पता लगाना कठिन होता है ।