हमें भगवान के किस नाम का जप करना चाहिए ?

वर्तमान काल में आध्यात्मिक प्रगति करने का सबसे प्रभावी माध्यम है, अपने जन्मानुसार धर्म के देवता का नामजप करना । हम उसी धर्म में जन्म लेते हैं, जो हमारी साधना आरंभ करने के लिए सर्वथा उपयुक्त होता है । वही हमारी साधना की नींव तैयार करता है । जन्मानुसार धर्म (जिस धर्म में जन्म लिया है, उसके) देवता का नामजप निरंतर करने से हम अपने प्रारब्ध पर विजय प्राप्त कर सकते हैं । वास्तव में, साधना इस जगत में तथा मृत्योपरांत दूसरे जगत में भी हमारी सहायता करती है ।

जन्मानुसार धर्म पर आधारित देवता के नामजप के कुछ उदाहरण देखते हैं :

हमें भगवान के किस नाम का जप करना चाहिए ?

जन्मानुसार धर्म जप हेतु भगवान का नाम
बौद्ध ओम मणिपद्यमे हुम्, नमो बुद्धाय
ईसाई रोमन कैथोलिक : हेल मेरी, एंगलिकन तथा अन्य ईसाई संप्रदाय: प्रभु येसु /लॉर्ड जीजस
हिन्दू कुलदेवता, यदि कुलदेवता का नाम पता न हो तब श्री कुलदेवतायै नमः का जप कर सकते हैं ।.
कुलदेवता के नामस्मरण की पद्धति : कुलदेवता के नाम के पहले ‘श्री’ लगाएं, आगे नाम के साथ चतुर्थी विभक्ति लगाकर अंत में नमः बोलें ।
उदाहरण के लिए, यदि कुलदेवता गणेशजी हो तो‘श्री गणेशाय नमः’ यदि कुलदेवता भवानीदेवी हो तो‘श्री भवानीदेव्यै नमः
इस्लाम या अल्लाह, अल्लाह हो अकबर, रहीम इत्यादि.
जैन नवाकार मंत्र (ओम णमो अरिहंताणम्)
यहूदी जेहोवाह, याहवेह, अदोनाई अथवा यहूदी पंथानुसार अनेक नामों में से एक नाम
सिक्ख वाहे गुरु, श्री वाहे गुरु, सुखमणि साहेब, जपाजी साहेब
पारसी इसमें १०१ नाम हैं । साधक को ध्यान में मिली संख्या के अनुसार नामजप करने के लिए कहा जाता है ।

पितृदोष (पूर्वजों द्वारा होनेवाले कष्ट) दूर करने हेतु ‘श्री गुरुदेव दत्त’ का नामजप

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वर्ष २०२५ तक साधकों के लिए सर्वाधिक लाभकारी जप (यदि आप किसी पंथ से न जुडे हों) -‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’

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लेख : हमें किस देवता का नामजप करना चाहिए, इस विषय पर अधिकतर पूछे जानेवाले प्रश्न पढें ।