अध्यात्म की सामान्य धारणाएं
साधना की मात्रा नियमित रूप से बढाते रहना
जैसे हम अपना शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखने हेतु निरंतर व्यायाम की मात्रा बढाते रहते हैं, साधना में भी यह लागू होता है ।
यदि हम वर्षोंतक एक ही चरण की साधना करेंगे तो वह एक गतिहीनता ला देगा । आध्यात्मिक प्रगति में इस गतिहीनता से बचने हेतु हमें अपनी साधना की मात्रा बढानी होगी ।