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इस लेख को समझने के लिए हम सुझाव देते हैं कि आप निम्नलिखित प्रस्तुतिकरण से परिचित हो जाएं ।

१. नामजप के लाभ – परिचय

अनेक संतों ने नामजप से होनेवाले लाभ का वर्णन किया है । नामजप का अर्थ है भगवान के नाम को बार-बार दोहराना । SSRF नामजप को साधना की नींव के रूप में महत्व देता है; क्योंकि नामजप वर्तमान समय की सर्वाधिक उचित साधना है । बोलकर किए जानेवाले नामजप की तुलना में मन में किया जानेवाला नामजप अधिक शक्तिशाली है ।

नामजप का महत्व – अवचेतन मन पर अनेक संस्कार होते हैं । एक ही संस्कार को मिटाने में बहुत लंबा समय लग जाता है । अत: यम नियमों का पालन कर अवचेतन मन की प्रवृतियों को पराजित करने में बहुत समय लग जाएगा । हमारे मूल स्वभाव से उत्पन्न होनेवाले इन संस्कारों को अवचेतन मन से मिटाने की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है, ईश्‍वर से एकरूप होने के लिए निरंतर प्रयास करना और ये सब ईश्‍वर का नामजप करने से साध्य किया जा सकता है । अन्य घटकों के साथ-साथ हमारा मन, बुद्धि एवं अवचेतन मन हमारे मूल स्वभाव के घटक हैं और अपने-अपने गुणधर्म के अनुसार कार्य करते हैं । इसका प्रतिरोध करने में अपनी साधना को व्यर्थ करने की अपेक्षा साधना द्वारा यदि नामजप के साथ एकरूप होने का प्रयास किया जाए तो लक्ष्य प्राप्ति शीघ्र होती है । – परम पूज्य भक्तराज महाराज

२. नामजप के सूक्ष्म लाभ –

नीचे दिया गया सूक्ष्म ज्ञान पर आधारित चित्र SSRF की एक संत पू. श्रीमती योया वाले ने प्रगत छठवीं इंद्रिय के माध्यम से बनाया है । पू. योया में सूक्ष्म जगत को देखने की क्षमता है तथा वे साधना तथा सत्सेवा हेतु सूक्ष्म ज्ञान पर आधारित चित्र बनाती हैं ।

सूक्ष्म ज्ञान पर आधारित निम्न चित्र ईश्‍वर के नामजप के सूक्ष्म लाभ दर्शाता है –

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सूक्ष्म-ज्ञान पर आधारित चित्र से हम समझ सकते हैं कि –

  • अनाहत चक्र पर भाव का वलय सक्रिय होता है ।
  • दैवतातत्त्व का प्रवाह आज्ञा चक्र की ओर आकर्षित होता है ।
  • नामजप करनेवाले व्यक्ति की ओर चैतन्य का प्रवाह आकर्षित होता है ।
  • आज्ञा चक्र पर शक्ति का वलय निर्माण होता है ।

इस प्रकार, नामजप से हमें भगवान के नाम से आकर्षित तथा निर्मित सूक्ष्म-तरंगों का लाभ मिलता है ।

३. नामजप के चिकित्सीय, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक लाभ –

नामजप से हमें अनेक चिकित्सीय, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक लाभ होते हैं । साधना की प्रारंभिक अवस्था में नामजप से होनेवाले लाभ पहचानना कठिन हो सकता है । साधना की आगे की अवस्था में भी नामजप के लाभ अनुभव करने के पश्‍चात उस पर विश्‍वास करना संभव हो पाता है ।

यदि हम मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य, आध्यात्मिक प्रगति को ध्यान में रख नामजप करते हैं तो हम अपने लक्ष्य को भी प्राप्त करेंगे और नामजप के अन्य लाभ भी अनुभव कर पाएंगे ।