मनुष्य में अनिष्ट शक्तियां कहां निवास करती हैं ?

अनिष्ट शक्तियां मनुष्य में कहीं भी जैसे उसके शरीर, मन अथवा बुद्धि में निवास कर सकती है । संदर्भ हेतु कृपया हमारा लेख हमारी निर्मिति किससे हुई है ? पढें । अनिष्ट शक्तियां मनुष्य के दुर्बल अंगों पर बनाए गए काली शक्ति के केंद्रों के माध्यम से कार्य करती है । किसी व्यक्ति को हानि पहुंचाने के लिए वे उन काली शक्ति के केंद्रों में काली शक्ति (ये आध्यात्मिक शक्ति होती है, जो हानिकारक उद्देश्यों के लिए प्रयुक्त होती है) एकत्रित करके रखती है । ये काली शक्ति के केंद्र व्यक्ति के किसी भी देह में हो सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आविष्ट व्यक्ति को वे कैसे कष्ट पहुंचाना चाहती है ।

काली शक्ति के केंद्र का स्थान तथा उसके प्रभाव का एक उदाहरण :

देह जहां काली शक्ति का केंद्र है लक्षण
स्थूल देह एक घाव हो सकता है, उसे ठीक करने की देह की क्षमता को अल्प कर सकता है ।
प्राण देह प्राणशक्ति को अल्प कर सकता है, जिसके फलस्वरूप शारीरिक तथा मानसिक गतिविधियां घट सकती है ।
मनाेदेह स्वभावदोष जैसे क्रोध, लोभ इत्यादि को बढाना
कारणदेह निर्णय लेने की क्षमता को धूमिल करना

अनिष्ट शक्ति चक्र अर्थात कुंडलिनी के आध्यात्मिक शक्ति केंद्रों पर भी आक्रमण कर सकती है । किसी विशिष्ट चक्र के प्रभावित होने पर उससे संबंधित व्यक्ति की क्षमता अल्प हो जाती है अथवा वह अक्षम हो जाता है । उदाहरण के लिए यदि व्यक्ति के अनाहत चक्र पर आक्रमण हुआ हो तो उसके हृदय क्षेत्र तथा मन पर (संवेग, भावनाओं तथा इच्छाओं पर) सर्वाधिक प्रभाव होगा ।

HIN_black-energy-centres

यदि आज्ञा चक्र पर आक्रमण होता है तो बुद्धि सर्वाधिक प्रभावित होती है ।

संदर्भ हेतु कुंडलिनी तंत्र के चक्रों के चित्र के लिए यहां क्लिक करें ।