काला नाग

१. काले नाग का परिचय

अनिष्ट शक्तियों की आध्यात्मिक शक्ति के बढते क्रम में काला नाग पदक्रम से तीसरे स्थान पर आता है । उसकी तुलनात्मक शक्ति अर्थात सामान्य अनिष्ट शक्ति जिसकी शक्ति १ र्इकार्इ होती है उसकी तुलना में काले नाग की शक्ति १०० होती है । संदर्भ हेतु देखें लेख अनिष्ट शक्ति के प्रकार । वर्तमान समय में विश्व की लगभग २ प्रतिशत जनसंख्या उनसे प्रभावित अथवा आविष्ट है तथा २०२५ तक यह संख्या और बढ जाएगी । भूत तथा राक्षस की तुलना में विश्व की अत्यल्प प्रतिशत जनसंख्या उनसे प्रभावित है। इसे को ध्यान में रखते हुए हमने संक्षेप में उसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं बताई हैं ।

२. सूक्ष्म-ज्ञान के आधार पर काले नाग का चित्र

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कृपया ध्यान दीजिए, यह मात्र एक कच्चा दिशानिर्देश है;क्योंकि अनिष्ट शक्तियां अपने उद्देश्य के आधार पर कोई भी रूप ले सकती हैं ।

किसी के भी मन में प्रश्न उठ सकता है कि जब इसका रंग हरा है तो इसे काला नाग क्यों कहते हैं । इसका उद्देश्य है उसे पीले अथवा सकारात्मक नाग से भिन्न दिखा पाना । पीले अथवा सकारात्मक नाग के पास सकारात्मक आध्यात्मिक शक्ति होती है तथा वे मनुष्यों तथा साधकों की सहायता करते हैं । जबकि काले नागों के पास काली शक्ति होती है,जिसका उपयोग वे मानवता को हानि पहुंचाने के लिए करते हैं ।

३. काले नाग की मुख्य विशेषताएं

काले नाग शीघ्र क्रोधित होनेवाले, अत्यधिक चतुर, चालाक तथा कपटी होते हैं । वे सदैव अपने काम में मग्न तथा उत्साही रहते हैं ।

  • वे अत्यंत आक्रमक होते हैं तथा शीघ्रता से काली शक्ति छोडते हैं ।
  • वे अत्यंत सतर्क तथा दृढता से अपनी साधना में लगे रहते हैं ।
  • अत्यधिक साधना के कारण,वे किसी के सातों चक्रों पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं । साधारणत:,वे अपनी शक्ति सात चक्रों में संग्रहित करते हैं । यहां चक्र का अर्थ वैसे केंद्र से है जिससे होकर कुंडलिनीयोग के अनुसार आध्यात्मिक शक्ति प्रवाहित होती है । संदर्भ हेतु हमारा खंड कुंडलिनी पढें ।
  • उनके पास अनेक प्रकार की सिद्धियां होती हैं ।
  • वे सूक्ष्म-मांत्रिकों के अंतर्गत काम करते हैं ।

४. आध्यात्मिक उपचारात्मक उपाय

  • साधना तथा स्वभाव दोष निर्मूलन किसी भी अनिष्ट शक्ति (राक्षस, चुडैल, पिशाच इत्यादि) से मुक्त होने का सर्वोत्कृष्ट आध्यात्मिक उपाय है ।
  • आविष्ट अथवा प्रभावित व्यक्ति के सातों कुंडलिनी चक्रों में से संबंधित काली शक्ति से प्रभावित केंद्रों पर सकारात्मक आध्यात्मिक उपचारी शक्ति निर्देशित करने से काले नाग की आध्यात्मिक शक्ति न्यून की जा सकती है ।

टिप्पणी : उपचार करनेवाले आध्यात्मिक उपचारक का आध्यात्मिक स्तर व्यक्ति को प्रभावित अथवा आविष्ट करनेवाली अनिष्ट शक्ति के स्तर से न्यूनतम २० प्रतिशत अधिक होना चाहिए । बाह्य आध्यात्मिक उपचारों से उपचार करने पर पीडित को कुछ समय के लिए अच्छा लग सकता है;किंतु इस कष्ट से (जो अनेक प्रसंगों में पिछले अनेक जन्मों से हमारे साथ होता है) स्थायी रूप से मुक्ति पाने के लिए, साधना करना तथा स्वयं में निरंतर तथा दीर्घकालावधि तक रहनेवाली सकारात्मकता लाना आवश्यक है । यदि कोई आध्यात्मिक उपचार को नामजप के साथ करता है,तब उसे उसके कष्ट से अल्प कालावधि में मुक्ति मिल सकती है ।