SSRF की अगरबत्ती से निर्मित विभूति फूंकना – एक आध्यात्मिक उपचार

SSRF का सुझाव है कि शारीरिक और मानसिक व्याधियों के लिए आध्यात्मिक उपचार के साथ-साथ चिकित्सकीय उपचार भी जारी रखने चाहिए । पाठकों से अनुरोध है कि अपने विवेक से वे कोई भी आध्यात्मिक उपाय कर सकते हैं ।

. प्रस्तावना – विभूति द्वारा आध्यात्मिक उपचार

SSRF की अगरबत्ती से निर्मित विभूति का उपयोग एक प्रभावी और सरल आध्यात्मिक उपचार है जिसे कोई भी व्यक्ति स्वयं ही कर सकता है । सकारात्मक उर्जा प्राप्त करने के लिए साथ ही पितरों तथा अनिष्ट शक्तियों (प्रेत, राक्षस, नकारात्मक शक्तियां इत्यादि) के कष्ट दूर करने हेतु विभूति का उपयोग सरलता से किया जा सकता है ।

SSRF की अगरबत्ती से निर्मित विभूति पवित्र क्यों है ? यह लेख देखें ।

. आध्यात्मिक उपचार के लिए विभूति कैसे फूंकनी चाहिए ?

. SSRF की अगरबत्ती से निर्मित विभूति को फूंकने की कार्यविधि क्या है

SSRF की अगरबत्ती से निर्मित विभूति में जो चैतन्य है वह तेजतत्त्व के स्तर पर कार्य करता है । जब उसे फूंका जाता है तो वह वायुतत्त्व से संबंधित होती है और सूक्ष्मतर स्तर पर कार्य करती है । इससे उसका प्रभाव बढ जाता है । अत: वह काली शक्ति और वातावरण में निर्माण किए गए काली शक्ति के केंद्रों को नष्ट करती है ।

निम्नांकित आकृति सूक्ष्म दृष्टि से प्राप्त सूक्ष्म ज्ञान पर आधारित है, जो दिखाती है कि जब ४०% आध्यात्मिक स्तर के व्यक्ति द्वारा विभूति फूंकी जाती है तब सूक्ष्मतर स्तर पर उसका क्या परिणाम होता है । जैसे ही SSRF की अगरबत्ती से बनी विभूति को फूंका जाता है, सकारात्मक ऊर्जा सभी दिशाओं में फैल जाती है । यदि हमारे कक्ष में नकारात्मक अथवा अनिष्ट शक्तियों की काली शक्ति नहीं है तो विभूति द्वारा वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा प्रक्षेपित होती है । यदि कक्ष में कोई भी अनिष्ट शक्ति या नकारात्मक शक्ति है तो चैतन्य और शक्ति के कण सूक्ष्म स्तर पर अनिष्ट शक्तियों की काली शक्ति से युद्ध करते हैं । इसे निम्नांकित आकृति में तीन स्तर पर दर्शाया गया है । महत्त्व की बात है कि जब सूक्ष्म-युद्ध होता है तब सकारात्मकता बढ जाती है क्योंकि ईश्वर से शक्ति प्राप्त होती है ।

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विभूति का सूक्ष्म-चित्र

.१ व्यक्ति पर विभूति फूंकने का परिणाम

१. जिन्हें पितरों का अथवा अनिष्ट शक्तियों का कष्ट नहीं होता उन पर विभूति फूंकने से उन्हें सकारात्मक उर्जा मिलती है ।

२. आध्यात्मिक शोध से ज्ञात हुआ है कि विश्व की ९०% जनसंख्या पितरों अथवा अनिष्ट शक्तियों के कष्ट से पीडित है । विश्व के अधिकतर लोग  पहले पाताल के पितरों के कष्ट और भूत-प्रेत से पीडित हैं । ऐसे व्यक्तियों के आसपास आया काली शक्ति का आवरण विभूति फूंकने से नष्ट हो जाता है । अत: जिस व्यक्ति पर विभूति फूंकी जाती है उसका कष्ट न्यून होता है ।

३. उन व्यक्तियों के लिए जिन्हें दूसरे पाताल के आगे के पाताल लोकों की अनिष्ट शक्तियों से कष्ट होता है, उन पर अनिष्ट शक्तियों द्वारा निर्माण किया गया आवरण दूर होता है पर नष्ट नहीं होता । अनिष्ट शक्तियों द्वारा दिया गया कष्ट अल्प समय के लिए न्यून होता है । यदि फिर से आक्रमण न हो तो उन्हें कष्ट नहीं होता । परंतु दोबारा आक्रमण होने पर पुन: कष्ट आरंभ होता है । जहां कष्टकी पुनरावृत्ति हो वहां कष्ट दूर होने तक प्रत्येक आधे घंटे में विभूति फूंकते रहना चाहिए ।

विभूति फूंकने का प्रयोग आध्यात्मिक उपाय के रूप में कर सकते हैं :

  • सकारात्मक उर्जा प्राप्त करना
  • अनिष्ट शक्तियों अथवा पितरों के कष्ट से पीडित व्यक्ति पर फूंक कर उसका कष्ट अल्प करने के लिए
  • परिसर की आध्यात्मिक शुद्धि के लिए परिसर में फूंकना

पीडित व्यक्ति के प्रकटीकरण के समय SSRF की अगरबत्ती से बनी विभूति फूंकने से अनिष्ट शक्ति पर हुए परिणाम प्रस्तुत वीडियो में दिखाए गए हैं । विभूति के चैतन्य के कारण अनिष्ट शक्ति को तीव्र कष्ट होता है और वह उसका कठोरता से प्रतिकार करती है । विभूति के उपयोग के साथ साथ साधना के छ: मूलभूत तत्त्व के अनुसार साधना करने पर अनिष्ट शक्तियों को तीव्र कष्ट होता है और उन्हें व्यक्ति को छोडकर जाना पड़ता है ।