परम पूजनीय डॉ.आठवलेजी के कक्ष की भित्ति (दीवार)पर तैलीय धब्बों का अपनेआप उभरना

अनिष्ट शक्तियां : SSRF में हम ‘अनिष्ट शक्तियां (बुरी शक्तियां)’ शब्द का प्रयोग सामूहिक रूप से सूक्ष्म विश्व में विद्यमान उन सभी घटकों के लिए करते हैं, जो मानवजाति को हानि पहुंचाना चाहते हैं । इनमें भूत, प्रेत, पिशाच, चुडैल, मांत्रिक आदि का समावेश है । मांत्रिक सर्वाधिक शक्तिमान अनिष्ट शक्ति है । यदि सामान्य भूत की शक्ति को १ - १० इकाई के बीच मानें, तो मांत्रिक की शक्ति अरब से लगभग अनगिनत तक हो सकती है ।

परम पूजनीय डॉ.आठवलेजी के कक्ष में सदैव उच्चतम स्तर की अनिष्ट शक्तियों के सूक्ष्म-आक्रमण होते रहते हैं । अनेक वर्षों में आध्यात्मिक शोध दल ने उनके कक्ष में सकारात्मक तथा नकारात्मक आध्यात्मिक घटनाओं को होते हुए देखा है । उच्चतर स्तर की अनिष्ट शक्तियों के कारण होनेवाली प्रतिकूल घटनाओं में भित्ति पर खरोंच के चिन्ह अपनेआप उभरना,उनके वस्त्रों पर चिन्ह उभरना, पटिया (फर्श) पर पशुओं के समान चिन्ह उभरना इत्यादि घटनाएं आध्यात्मिक शोध दल के सामने ही घटीं । केवल उच्चतम स्तर की अनिष्ट शक्तियों में ही उच्च स्तर के संत के कक्ष में आक्रमण करने की क्षमता होती है । परम पूजनीय डॉ.आठवलेजी का कक्ष आध्यात्मिक शोधकर्त्ताओं के लिए एक हर्ष का विषय है और इस लेख में हम उनके कक्ष में उभरे तैलीय धब्बों के विषय में बता रहे हैं ।

फरवरी २०१० में आध्यात्मिक शोध से संबंधित उनसे कुछ प्रश्न पूछने हेतु हम परम पूजनीय डॉ.आठवलेजी के कक्ष में गए,तब हमने उनके पीछे की भित्ति पर तैलीय धब्बे का एक गोलाकार चिन्ह देखा । परम पूजनीय डॉ.आठवलेजी के कक्ष में नए-नए चिन्ह तथा धब्बों को बनते देख आध्यात्मिक शोध दल पूर्णतः आदी हो गया था ।

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जब हमने धब्बे को देखा,तब हमें उसके अंतर्गत एक छोटा उठा हुआ केंद्र दिखा । छठवीं इंद्रिय के माध्यम से हमें समझ में आया कि उसी केंद्र से कष्टदायक स्पंदन निकल रहे हैं । परम पूज्य डॉ.आठवलेजी ने भी उस धब्बे को देखा और उन्होंने आध्यात्मिक शोध दल द्वारा किए गए इस निरीक्षण की पुष्टि की कि वे तैलीय धब्बे अनिष्ट शक्तियों द्वारा निर्मित हैं तथा उसके भीतर विद्यमान उठा हुआ क्षेत्र ही स्रोत था जिससे काली शक्ति प्रक्षेपित हो रही थी ।

एक सप्ताह के उपरांत जब हम परम पूज्य डॉ.आठवलेजी से उपरोक्त घटना के संदर्भ में बात कर रहे थे, तब हमें पिछले धब्बे के बगल में एक छोटा धब्बा दिखा और उस धब्बे के केंद्र की भित्ति में भी थोडा उभार था । उस धब्बे का सूक्ष्म-परीक्षण करने पर इस धब्बे से भी समान कष्टदायक स्पंदन मिले । उच्च स्तरीय अनिष्ट शक्तियों द्वारा वातावरण में निर्मित किए गए प्रत्येक धब्बे, चिन्ह अथवा विकृति में सतत काली शक्ति प्रक्षेपित करने की क्षमता होती है । वातावरण में उच्च स्तरीय अनिष्ट शक्तियों द्वारा इस प्रकार की विकृति के नियमित सृजन में किसी उच्च स्तर के व्यक्ति की प्राणशक्ति को गंभीर रूप से दुर्बल करने की क्षमता होती है । संदर्भ हेतु खंड पढें – परम पूजनीय डॉ.आठवलेजी पर ये आक्रमण क्यों हो रहे हैं ?