मैं ईसाई हूं; दत्त भगवान के नाम का जप मैं क्यों करुं ?

भगवान दत्त एक देवता हैं । उनके अनेक कार्यों में से एक कार्य है उपासक के जीवन में पितरों की सूक्ष्म-देह के कारण आ रही समस्याओं को दूर करने की क्षमता प्रदान करना ।

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प्रायः विविध धार्मिक पृष्ठभूमि के लोग (उदाहरण के लिए, ईसाई अथवा बौद्ध) प्रश्न करते हैं कि मैं ऐसे देवता का नामजप क्यों करूं जो मेरे धर्म से संबंधित ही नहीं हैं ?

चाहे व्यक्ति किसी भी धर्म में आस्था रखता हो अथवा किसी भी धर्म में जन्मा हो, ईश्वर के इस तत्व की सार्वभौमिकता (वैश्‍विकता) को एक साधारण उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है ।

पॅनाडॉल (जिसका रासायनिक सूत्र C8H9NO2 है) एक एलोपेथिक औषधि है जिसका उत्पादन ऑस्ट्रेलिया तथा अन्य देशों में भी होता है । इस औषधि से बुखार, सिर में वेदना तथा अन्य छोटी वेदना में राहत मिलती है । उसका उत्पादन चाहे किसी भी स्थान में हुआ हो (इस प्रकरण में ऑस्ट्रेलिया) इससे कोई प्रभाव नहीं पडता । पॅनाडॉल जिसका रासायनिक सूत्र पूरे संसार में समान है, उसका प्रयोग केवल ऑस्ट्रेलिया के लोग ही नहीं अपितु यह पूरे संसार के समान लक्षणों से प्रभावित सभी लोग लाभान्वित होंगे ।

इसी प्रकार, दत्त भगवान का नामजप किसी भी राष्ट्रीयता के, धर्म के अथवा किसी भी सभ्यता के पृष्ठभूमिवाले व्यक्ति की उनके पितृदोष अर्थात पूर्वजों के कारण होनवाले कष्टों पर विजय प्राप्त करने में सहायता करता है । पूरे विश्व में SSRF के मार्गदर्शन में अनेक साधकों ने उनके नाम के जप से हुए लाभ को अनुभव किया है ।

संदर्भ हेतु सिरियाक का प्रकरण अध्ययन पढें, जो अपने पूर्वजों के सूक्ष्म-देहों से कष्टग्रस्त थे तथा दत्त भगवान के नामजप ने उनकी सहायता कैसे की ।