स्वामी विवेकानंद का सूक्ष्म-ज्ञान पर आधारित चित्र

स्वामी विवेकानंद (१२ जनवरी १८६३- ४ जुलाई १९०२) का जन्म नाम नरेंद्रनाथ दत्त था । वे १९ वीं शताब्दी के संत श्री रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे । वे आधुनिक समय के प्रसिद्ध संतों में से एक थे । स्वामी विवेकानंद के संदर्भ में अधिक जानकारी Wikipedia, vivekananda.org तथा ramakrishna.org से प्राप्त की जा सकती है ।

नीचे हमने उनसे प्रक्षेपित होनवाली विविध तरंगों का सूक्ष्म-ज्ञान पर आधारित एक चित्र दिखाया है । सूक्ष्म-ज्ञान पर आधारित यह चित्र विकसित छठवीं इंद्रिय से युक्त SSRF की साधिका श्रीमती योया वाले ने बनाया है ।

 

सूक्ष्म-ज्ञान पर आधारित स्वामी विवेकानंदजी के चित्र से प्रक्षेपित होनेवाली विविध तरंगों का विवरण नीचे दिया है । यह सूक्ष्म-चित्र विस्तृत एवं जटिल है इसलिए सूक्ष्म-चित्रकार श्रीमती याया वाले को यह कैसे दिखा, यह समझने के लिए इसे आंकडों के क्रमानुसार पढें ।

आनंद का वलय निर्मित होना । जब वे अपने गुरु के संदर्भ में सोचते हैं, उनकी भक्ति में वृद्धि होती है तथा वे आनंदावस्था अनुभव करते हैं ।

चैतन्य का वलय निर्मित तथा सक्रिय होना

२अ

चैतन्य का वलय प्रक्षेपित होना

धर्म-शक्ति का वलय निर्मित होना

३अ

धर्म-शक्ति का वलय प्रक्षेपित होना

३आ

धर्म-शक्ति का प्रवाह प्रक्षेपित होना

३इ

धर्म-शक्ति के कण प्रक्षेपित होना

ईश्‍वरीय शक्ति का प्रवाह आकर्षित होना

४अ

विशेष कार्य के लिए आवश्यक कार्य-शक्ति का वलय निर्मित होना

र्इश्वर से आंतरिक सान्निध्य के वलय निर्मित होना

अव्यक्त भाव का वलय निर्मित होना

आध्यात्मिक तडप का वलय निर्मित होना

अध्यात्म के प्रति उनकी जिज्ञासा के कारण व्यष्टि भाव का वलय निर्मित होना

र्इश्वर से ज्ञान का प्रवाह आकर्षित होना

९अ

ज्ञान-शक्ति का वलय आज्ञाचक्र पर की निर्मित होना

९आ

ज्ञान-शक्ति का वलय सक्रिय होना

१०

समष्टि भाव का वलय निर्मित तथा सक्रिय होना